बिहार के जमुई में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान मंच पर बिहार सरकार के मंत्री और पूर्व एमएलसी के बीच जोर दार बहस हो गई। जिसके बाद देखते ही देखते दोनों के कार्यकर्ता आपस में चूहे बिल्ली की तरह आपस में भिड़ गए। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर और जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक बिना सभा को संबोधित किए बिना ही वापस लौट गए।

जैसे जैसे बिहार विधानसभा चुनाव के दिन करीब आता जा रहा ओर चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है। लेकिन इस दौरान जमुई में भी एक सियासी मंच पर पारा बहुत हाई हो गया। दरअसल, जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र के बटिया में शनिवार को आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन हंगामे की भेंट चढ़ गया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़ने और नेताओं का स्वागत करने को लेकर मंत्री सुमित कुमार सिंह और पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद के समर्थकों के बीच जोरदार विवाद हो गया।

घेराबंदी कर के नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला और देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और मंच पर दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। मामला इतना बढ़ा कि कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई तक की नौबत आ गई है। हालात काबू से बाहर होते देख सुरक्षाकर्मियों और पुलिस बल को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा। जवानों ने भीड़ को अलग किया और मंच की घेराबंदी कर नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला।

बिहार सरकार में पूर्व मंत्री श्याम रजक ने सभा को संबोधित नहीं किया

हंगामे के कारण मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर और जदयू नेता श्याम रजक ने सभा को संबोधित नहीं किया और बिना भाषण दिए ही कार्यक्रम स्थल से लौट गए। इसी बीच, लोजपा (आर) नेता संजय मंडल भी मंच पर स्थान न मिलने से नाराज होकर अपने समर्थकों संग कार्यक्रम स्थल छोड़कर चले गए। बाद में पूर्व एमएलसी संजय प्रसाद भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ वापस लौट गए।

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जमुई में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में हाथापाई

बिहार एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया

दूसरी ओर, मंत्री सुमित कुमार सिंह अपने समर्थकों के साथ अंत तक कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे। हालांकि, सम्मेलन का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया, जिससे कार्यकर्ताओं में भारी मायूसी छा गई। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने न केवल कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाई बल्कि कार्यकर्ताओं की मेहनत पर भी पानी फेर दिया। आयोजकों ने स्वीकार किया कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए सुरक्षा और व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। इधर, इस विवाद को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं।

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