|| बिहार में पत्थर माफिया मालामाल : जंगल के ‘चमचमाते पत्थर’ पर तस्करों की लागी  बुरी नजर ||

बिहार के जमुई जिला से ट्रक में भरकर इन पत्थर को तस्करी कर झारखंड पहुंचाया जा रहा है। कीमती पत्थर होने के कारण पत्थर माफिया इसकी अच्छी कीमत वसूलते हैं। इन पत्थरों का डस्ट (पाउडर) भी ऊंची कीमत पर बेचा जाता है। ऐसे में वन विभाग अब इन तस्करों पर नकेल कसने के लिए लगातार कार्रवाई कर रहा है। वन अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में क्वार्टज पत्थर काफी मात्रा में है।

बिहार में जमुई के झाझा वन क्षेत्र अंतर्गत कठबजरा जंगल की चमचमाते पत्थर से तस्कर काफ़ी मालामाल हो रहे हैं। इन जंगलों में पत्थर तस्कर ने वन विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है।

वन विभाग ने पत्थर लोड किए गए 12 चक्के वाले पांच से अधिक ट्रक को पकड़ा है। साथ ही आधा दर्जन पत्थर तस्कर को पकड़कर जेल भेजा है।

ऐसा बताया जाता है कि झाझा के कठबजरा एवं खैरन जंगल के पहाड़ों पर चमचमाते सफेद पत्थर की मात्रा काफी है। इस पत्थर पर तस्कर की नजर लग गई है।

ट्रक से ले जा रहे झारखंड

ट्रक के माध्यम से इन पत्थर को झारखंड के गिरीडीह केसर ले जाकर सफेद डस्ट (पाउडर) एवं पत्थर के टुकड़े तैयार कर ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।

इसमें जमुई, झाझा एवं गिरीडीह के तस्कर शामिल हैं। इन दिनों वन विभाग ने तस्कर पर कार्रवाई शुरू की है।

वन अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र के जंगलों में क्वार्टज पत्थर काफी मात्रा में है। बहुमूल्य पत्थर का किस्म है। चमकीले पत्थर के रूप में भी इसकी पहचान है।

तस्कर वसूलते हैं मोटी रकम 

सफेद होने के कारण तस्कर इसको ऊंची कीमत पर बेचकर अच्छी रकम वसूलते हैं। साथ ही इस पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े एवं पाउडर भी काफी महंगा होता है।

लगातार पत्थर की चोरी से वन विभाग काफी चिंतित है। आखिर कब और कैसे पत्थर ट्रक पर लोड होकर गिरीडीह के लिए निकल जा रहे हैं, यह बड़ा सवाल है ।

ऐसे तस्कर अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। तस्कर पहले इलाके के पत्थर को सड़क पर डालने के लिए चोरी किया करते थे। अब इसको बड़ा रूप देने का प्रयास किया गया है।

तस्करों की कमर तोड़ने में वरीय वन क्षेत्र पदाधिकारी उदयशंकर एवं फॉरेस्टर अनीश कुमार का अहम योगदान बताया जा रहा है। इस इलाके की भौगोलिक स्थिति को देख तस्कर रात में घटना को अंजाम देते हैं।

पकड़े गए इन सभी आरोपी से विभाग को कई सुराग हाथ लगे हैं। इस पर विभाग कार्य कर रहा है। जेसीबी से पत्थर को ट्रक पर लोड करने की बात सामने आई है।

पकड़े गए सभी ट्रक और पत्थर तस्कर के तार जमुई, झाझा एवं गिरीडीह से जुड़े हुए हैं। इन पांच ट्रकों के अलावा भी जंगल से काफी मात्रा में पत्थर का अवैध उत्खनन होने की बात कही गई है। वन विभाग इन बिंदुओं की जांच कर रही है।

केस स्टेडी-01

21 मई 2023 को पहली बार दो ट्रक पकड़े गए थे। एक ट्रक नागालैंड का तो दूसरा झारखंड नंबर का था। फॉरेस्टर अनीश कुमार ने कहा कि दोनों ट्रक कठबजरा जंगल सुरक्षित वन सीमा से निकले थे।

दोनों ट्रक के पत्थर को तिरपाल से ढंक दिया गया था। दोनों ट्रक को धमना मोड़ के समीप पकड़ा गया था। एक ट्रक पर 1226 सीएफटी एवं दूसरे ट्रक पर 1100 सीएफटी पत्थर लोड मिले थे।

इस मामले में जमुई नीमा गांव के आरोपी मु. अफजल सहित अन्य के विरुद्ध केस दर्ज किया है।

केस स्टेडी-02

जुलाई 2023 माह में वरीय वन क्षेत्र पदाधिकारी एवं फॉरेस्टर ने सोनो के समीप से 12 चक्के वाले दो ट्रक पकड़े थे। इस दौरान ट्रक चालक, उपचालक समेत चार लोग गिरफ्तार हुए थे।

दोनों ट्रक को जब्त कर वन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपियों को जेल भेज दिया गया। इस मामले में खैरन गांव के दो तस्कर का नाम सामने आया।

केस स्टेडी-03

02 अगस्त 2023 को दादपुर रेलवे हाल्ट के समीप से एक तस्कर के साथ पत्थर से लोड किया गया एक ट्रक को जब्त हुआ था। फॉरेस्टर ने आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज कराया था। इस पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। इन सभी मामले में जमुई, झाझा एवं गिरीडीह के तस्कर का नाम सामने आया है।

by :KP

Edited by: KP

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