अब बिना टिकट महिला कर सकती ट्रैन में सफर, क्या कहते हैं Indian Railways :- now-women-can-travel-in-train-without-ticket-what-do-the-rules-of-indian-railways-say
इंडियन रेलवे ने बीते कुछ वर्षों में अपने नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं. जैसे, अगर आपके पास ट्रेन में रिजर्वेशन टिकट (Reservation ticket) नहीं है या बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं तो भी रेलवे के कानून के मुताबिक आप कुछ शर्तों के साथ ट्रेन में यात्रा जारी (Train Journey) रख सकते हैं.
Indian railways : रेलवे ने बीते कुछ वर्षों में अपने नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं. अगर आपके पास ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं है या अब बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं तो भी इंडियन रेलवे के कानून के मुताबिक आप कुछ शर्तों के साथ ट्रेन में यात्रा जारी (Train Journey) रख सकते हैं. इसके तहत यात्रा करने के लिए आपके पास संबंधित स्टेशन का प्लेटफॉर्म टिकट होना जरूरी है.
यदि आपके पास प्लेटफॅार्म टिकट है तो आपकी यात्रा कानूनी रूप से भी वैध मानी जाएगी. इसके लिए आप अतिरिक्त जुर्माना भर कर ट्रेन में यात्रा जारी रख सकते हो. इसी तरह ट्रेन में अगर कोई अकेली महिला बिना टिकट यात्रा कर रही है तो टीटीई उसे ट्रेन से बाहर नहीं निकाल सकता. इसके साथ ही ट्रेन में अगर महिला अकेली सफर कर रही हैं तो वो अपनी सीट को बदलवा सकती हैं.
अकेली महिला को टीटीई (TTE) क्यों नहीं उतार सकता है? :
आपको ट्रेन में यात्रा करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी होनी और रखनी चाहिए. रेलवे के नियमों के बारे में आपको जानकारी होने पर कोई भी रेलवे स्टॉफ वा अधिकारी आपके साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकता. भारतीय रेल का एक नियम यह भी है कि अगर कोई महिला ट्रेन में अकेले सफर कर रही है और उसके पास टिकट नहीं है तो टीटीई (TTE) ट्रेन से उसे नीचे नहीं उतार सकता. अगर महिला के पास पैसे हैं तो वह जुर्माना भर आगे का यात्रा जारी रख सकती है. अगर महिला के पास पैसे नहीं हैं तो भी उसे टीटीई (TTE) कोच से बाहर नहीं कर सकता है.
क्या कहता रेलवे का नया कानून :
रेलवे के इस कानून के बारे में यात्री को तो छोड़ दीजिए रेलवे के कई स्टाफ को भी पता नहीं होता है. रेलवे ने साल 1989 में एक कानून बनाया है, जिसके मुताबिक ट्रेन में अकेले सफर कर रही महिला यात्री को किसी भी स्टेशन पर उतार देने से अनहोनी होने की आशंका हो सकती है.उस वक्त रेलवे ने अकेली महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपने नियमों में बदलाव किया था.
क्या करते हैं टीटीई (TTE) :
रेलवे के एक टीटीई (TTE) इस बारे में कहते हैं, जब इस तरह का कोई मामला हमलोगों के पास आता है तो हमलोग जोनल कंट्रोल रूम को महिला की वर्तमान स्थिति और किन परिस्थितियों में महिला यात्रा कर रही है, इसकी जानकारी दी जाती है।
अगर हमलोगों को मामला कुछ संदिग्ध लगता है तो इस बात की जानकारी जीआरपी को देते हैं और जीआऱपी महिला कांस्टेबल को इसकी जिम्मेदारी देती है.
महिलाओं को और क्या-क्या सुविधाएं हैं ? :
अगर अकेली महिला स्लीपर क्लास के टिकट पर एसी क्लास में सफर रही है तो भी महिला को स्लीपर क्लास में जाने के लिए बोला जा सकता है. उस महिला के साथ किसी भी तरह का गलत व्यवहार नहीं किया जा सकता है. रेलवे बोर्ड के मुताबिक आरक्षित कोच में प्रतीक्षा सूची (Waiting List) में नाम होने पर भी अकेली महिला को ट्रेन से नहीं निकाला जा सकता है.
कुल मिलाकर अकेली महिला यात्री से ट्रेन में जोर जबरदस्ती नहीं की जा सकती. आपको बता दें कि इसी तरह रेलवे के नियम के तहत अगर किसी का रिजर्वेशन टिकट है और दो स्टेशन तक वो व्यक्ती अपनी सीट पर नहीं आता है तो टीटीई (TTE) उसकी सीट किसी दूसरे यात्री को एलॉट नहीं कर सकता है.
अभी तक रेलवे में बिना टिकट यात्रा करने पर भारी जुर्माना और जुर्माना न भरने पर जेल की सजा का प्रावधान था।
जिसे अब आइआरसीटीसी (IRCTC) ने बदलाव करके नए नियम लागू कर दिए हैं.
Note:
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By: KP
Edited by: KP
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