AVN News Desk New Delhi: कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा को अब दक्षिण भारत यानी साउथ के लिए मजबूत पिलर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। इसी तैयारी में प्रियंका गांधी को अब राहुल गांधी के बाद वायनाड सीट से चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी की है। इस तैयारी का इशारा राहुल गांधी ने रायबरेली में आयोजित आभार कार्यक्रम के दौरान कर ही दिया है। अब अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जल्द ही राहुल गांधी वायनाड से इस्तीफा देंगे। और उसके बाद प्रियंका गांधी के लिए तैयार ‘प्लान’ को आगे बढ़ाया जाएगा।
वही राहुल गांधी ने मंगलवार को रायबरेली में आयोजित आभार कार्यक्रम में प्रियंका गांधी के लिए नई और बड़ी जिम्मेदारी का इशारा भी किया था। राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम में कहा की उनकी बहन प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी के लिए बहुत मेहनत की है। अपने इस कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के लिए एक बहुत बड़े प्लान की भी बात कह डाली थी। अब यह प्लान क्या है इसको लेकर सियासी गलियारों में खूब कयास भी लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेताओं की मानें तो राहुल गांधी वायनाड की सीट छोड़ेंगे। और उसके बाद इस सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की कवायद की जा सकती है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के लिए बहुत ‘बड़े प्लान’ की बात कही है।
कांग्रेस से जुड़े अधिकतर नेताओं का कहना है
कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि जिस तरीके की जीत रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस को मिली है, उससे राहुल गांधी का रायबरेली में सांसद बने रहना बेहद ही जरूरी है। तर्क देते हुए कांग्रेस के नेता बताते हैं कि आने वाले दिनों में सियासी नजरिए से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मजबूती से विस्तार करने वाली है। ऐसे में राहुल गांधी अगर रायबरेली के सांसद बने रहेंगे, तो सीधे तौर पर उनका दखल उत्तर प्रदेश में संगठन को और मजबूत करेगा। चूंकि प्रियंका गांधी पहले से उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है। इसलिए उनको दक्षिण के बड़े मिशन पर लगाने की तैयारी भी है। इसके लिए राहुल गांधी की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाए जाने की चर्चाएं खूब हो रही हैं। रही सही कसर राहुल गांधी के रायबरेली में आयोजित कार्यक्रम में प्रियंका गांधी के विशेष प्लान वाले बयान ने पूरी कर दी है।
रायबरेली से कांग्रेस पार्टी के नेता देवदत्त शर्मा बताते हैं कि सोनिया गांधी जब रायबरेली और बेल्लारी से चुनाव लड़कर जीतीं, तो उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र के तौर पर रायबरेली को ही चुना था। शर्मा कहते हैं कि इसी परिपाटी को राहुल गांधी भी निभाते हैं, तो यह पार्टी के लिहाज से बेहतर होगा। हालांकि प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस और प्रियंका गांधी की ओर से कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है इस बात की सबसे ज्यादा हैं कि राहुल रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। जबकि प्रियंका गांधी को दक्षिण में कांग्रेस पार्टी का किला मजबूत करने के लिए वायनाड से चुनाव लड़ाया जाना तय है।
राजनीति जानकार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन के आधार पर यह तय हो चुका है कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद रहेंगे। वह तर्क देते हुए कहते हैं कि लोकसभा चुनावों के इस प्रदर्शन को पार्टी एक बड़े बूस्टर डोज के तौर पर देख रही है। गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ-साथ चुनाव लड़ी है। ऐसी दशाओं में पार्टी को न सिर्फ अपने वोट बैंक को मजबूत कर आगे के चुनावों के लिहाज से अपनी सियासी फील्डिंग सजानी है। बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी और मजबूत स्पेशल सिपहसालार भी तैनात करने हैं। पार्टी से जुड़े नेताओं का मानना है कि रायबरेली से लेकर अमेठी और लखनऊ से लेकर अलग-अलग जिलों के नेताओं की राहुल गांधी को रायबरेली से सांसद बने रहने का अनुरोध पत्र भी भेजा गया है। उनका मानना है अगर प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ाया जाता है, तो यह पार्टी के लिए बहुत ही बेहतर फैसला होगा।