एनसीपी (NCP)  चीफ शरद पवार :और बिजनेस मैन गौतम अडानी की मुलाकात शनिवार 23 सितंबर को अहमदाबाद में हुई थी. ये मौका था भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट के उद्घाटन का, इसके बाद शरद पवार गौतम अडानी के घर और ऑफिस भी गए थे. यह पहली बार नहीं है कि एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्योगपति गौतम अडानी के साथ देखे गए हैं. बल्कि इससे पहले खुद अडानी भी शरद पवार के घर सिल्वर ओक भी गए थे.

एनसीपी चीफ शरद पवार एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी के साथ दिखे थे . वह एक इवेंट में पहुंचे थे, जहां उद्घाटन समारोह जैसे  दिख रहे इस आयोजन में वह अडानी के साथ रिबन काटते दिख रहे थे. उनकी ये तस्वीर अगले ही पल सोशल मीडिया पर सुनामी की तरह दिखते ही सियासत की गली में फिर से कई सवालिया निशान उभर कर आने लगे. ये निशान अभी-अभी बने नए नवेले I.N.D.I.A गठबंधन के साथ जा लगे. अब सवाल यह उठ रहे हैं कि आखिर शरद पवार बार-बार गौतम अडानी से क्यों मिल रहे हैं ?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अडानी को लेकर उठाते रहे हैं सवाल

असल में राहुल गांधी, कई बार सीधे तौर पर गौतम अडानी और पीएम मोदी के बीच संबंधों को लेकर सवाल उठा चुके हैं, खास तौर पर जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बाद वह इसे लेकर कई बार भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं और माना जाता है की गौतम अडानी को लेकर संसद की सदस्यता भी चली गई थी, लेकिन शरद पवार कई दफा राहुल गांधी के इन हमलों को हल्का भी कर चुके हैं. यह पहली बार नहीं है कि एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्योगपति गौतम अडानी के साथ और एक मंच पर देखे गए हैं. बल्कि इससे पहले खुद गौतम अडानी भी शरद पवार के घर सिल्वर ओक में जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं.

अहमदाबाद में हुई थी शरद पवार- गौतम अडानी की मुलाकात

शरद पवार और कारोबारी गौतम अडानी की मुलाकात शनिवार 23 सितंबर को एक बार फिर अहमदाबाद में हुई . मौका था भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट के उद्घाटन का, इसके बाद शरद पवार गौतम अडानी के घर और ऑफिस भी गए थे. शरद पवार ने अपने सोसल मीडिया साइट (पुराना नाम ट्विटर) एक्स पर लिखा है, ” गौतम अडानी के साथ गुजरात के वासना, चाचरवाड़ी में भारत के पहले लैक्टोफेरिन प्लांट एक्सिमपॉवर का उद्घाटन करना सौभाग्य की बात थी.”

विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में आयोजक थे शरद पवार

सबसे बड़ी बात यह है कि I.N.D.I.A. ‘इंडिया’ गठबंधन हिंडनबर्ग और अडानी मुद्दे की संयुक्त संसदीय समिति यानी JPC (जेपीसी) से जांच की लगातार मांग उठाता रहा है. गौतम अडानी और शरद पवार की ये मुलाकात तब और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब विपक्षी गठबंधन भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लोकसभा चुनाव 2024 में उतरने की तैयारी मैं जुटे है. वही भारत जोड़ों यात्रा से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार गौतम अडानी की खिलाफत और मोर्चा खोल रखा हैं. शरद पवार विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के बड़े नेताओं में से एक हैं और मुंबई में हुई पिछली बैठक के अयजोको भी थे.

वैसे गठबंधन के उसूलों से उलट क्यों चलते हैं शरद पवार

ये पहली दफा नहीं है, कि जब शरद पवार गठबंधन के उसूलों से उलट चलते दिखे हों. गौतम अडानी से ही वह जून और अप्रैल के महिने में दो बार मुलाकात कर चुके हैं. 2 जून को शरद पवार ने गौतम अडानी से मुलाकात की थी,  इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में तमाम चर्चाएं और अटकले लगनी शुरू हो गईं थी. इससे पहले अडानी और शरद पवार के बीच अप्रैल में भी मुलाकात हुई थी.

वैसे यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार विपक्ष और विपक्षी एकता के मुद्दों से किनारा करते नज़र आए हैं या फिर उस लाइन से ही अलग हट गए हैं, जिस पर पार्टी या इंडिया गठबंधन का एजेंडा सेट होता रहा है. वह पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री मामले, जेपीसी की जांच, वीर सावरकर मसले पर अपनी एक दम अलग राय रखते रहे है. गौतम अडानी से मुलाकात के अलावा शरद पवार और अजित पवार की बार-बार मुलकाते भी इंडिया गठबंधन के लिए खतरे की घंटी की तरह लगती रही है या लाग रही हैं. बीते दिनों जब शरद पवार ने तिलक ट्रस्ट के कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया था तो उनका यह कदम भी पार्टी लाइन से बिलकुल अलग माना गया था.

पीएम मोदी डिग्री मामले पर शरद पवार की अलग राय

अगर हम बात करें पीएम मोदी की डिग्री की तो इसे आम आदमी पार्टी और शिवसेना के उद्धव गुट ने फिर से काफी उछाला था. कांग्रेस का इस मुद्दे पर थोडा मौन समर्थन था, लेकिन शरद पवार ने इस मसले पर दो टूक कह दिया था कि ‘केंद्र सरकार को बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरा जाना चाहिए या फिर जो देश में अन्य अहम मुद्दे हैं, उन पर बात होनी चाहिए. उन्होंने पीएम मोदी की डिग्री वाले मुद्दे को सिरे से खारिज कर दिया था.

जेपीसी (JPC) जांच की मांग से किया किनारा

शरद पवार की अडानी मुद्दे पर विपक्ष से अलग राय ही रहती हैं. सदन में 19 विपक्षी पार्टियों ने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग करते हुए मोहजूदा मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. राहुल गांधी भी लगातार सदन के अंदर और बाहर से इस मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरते नजर आए, लेकिन शरद पवार ने इस मुद्दे पर अलग स्टैंड लिया था. शरद पवार ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि, ”इस शख्स ने पहले भी ऐसे बयान दिए थे और तब भी सदन में कुछ दिन हंगामा हुआ था.

लेकिन इस बार जरूरत से ही ज्यादा तवज्जो इस मुद्दे को दे दी गई है. वैसे भी जो रिपोर्ट मीडिया में आई है, उसमें दिए गए बयान किसने दिए हैं, उसका क्या बैकग्राउंड है. जब वो लोग ऐसे ही मुद्दे उठाते हैं जिनसे देश में बवाल खड़ा हो, इसका असर तो हमारी अर्थव्यवस्था पर ही पड़ता है. लगता है कि ये सबकुछ किसी को टारगेट करने के लिए ही किया गया था.” शरद पवार ने अडानी मसले पर JPC की मांग को झटका देते हुए कहा था कि ये निष्पक्ष नहीं होगा क्योंकि 21 में 15 सदस्य तो सत्ता पक्ष के ही होंगे.

तिलक ट्रस्ट के कार्यक्रम में शामिल हुए थे पवार, कांग्रेस पार्टी थी नाखुश

तिलक ट्रस्ट स्मारक के पुरस्कार समारोह में शरद पवार के शामिल होने को भी विपक्षी एकता की विचारधारा से अलग चाल के तौर पर भी देखा गया था. शरद पवार नए नवेले बने I.N.D.I.A संगठन की मूल भावना से परे जाकर उस समारोह का हिस्सा बने थे. जिसमें प्रधान मंत्रीमोदी को सम्मानित किया गया था. ऐसे में शरद पवार का क्या रुख है, और उनका इस कार्यक्रम में शामिल होने का मकसद क्या था, इसे लेकर जहां उनके विचार कोई समझ ही नहीं पाया तो वहीं, उनके इस फैसले से कांग्रेस पार्टी खासा नाराज थी. इसके साथ ही इस कदम को विपक्षी एकता की दरार के तौर पर भी देखा गया था.

1998 मैं एक फिल्म आई थी कुछ- कुछ ऐसा ही है

1998 मैं एक फिल्म आई थी, दुल्हे राजा उसमे कुछ एक्टर थे गोविंदा, कादर खान और जॉनी लीवर।
जब कोई बात होती है तो अक्सर जॉनी लीवर हमेशा हीरो यानी गोविंदा का साथ देता है जब कादर खान जॉनी लीवर से पुछता है की तुम किस की तरफ हो तब जॉनी लीवर कहता है की मैं तब जॉनी लीवर ऊंगली गोविंदा की तरफ कर के बोलता है मैं आप को तरफ़ हु तब कादर खान बोलता है की तुम तो ऊंगली उसके तरफ कर रखा है ये कैसा मेरी तरफ है ,तब जॉनी लीवर बोलता है की सेठ जी मैने ऊंगली उनकी तरफ कर रखा है मगर दिल तो आप की तरफ है , मतलब की शरद पवार दिल से इंडिया गठबन्धन के साथ है ,मगर दिखाई वो अक्सर गौतम अडानी के साथ देते है, बेहर हाल वो तो वक्त बताएगा की ऊंट किस करवट बैठेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *