AVN News Desk : रायबरेली की सीट एक बार फिर से कांग्रेसियों के लिए खुशी लेकर आई है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी यहां बड़े अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह को करीब 3 लाख 90 हजार वोटों से हराया है।

रायबरेली लोकसभा सीट पर गठबंधन उम्मीदवार राहुल गांधी की जीत

रायबरेली लोकसभा सीट पर गठबंधन उम्मीदवार राहुल गांधी की जीत ने कांग्रेसियों को काफी लंबे अरसे बाद झूमने का मौका दिया। इस बार की जीत बहुत खास रही है। गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के तौर पर राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरे थे और पूरे देश की निगाह रायबरेली परिणाम पर लगी थी। वहीं कांग्रेस पार्टी का गढ़ जीतने की मंशा सफल न होने से भाजपाइयों में बहुत ही मायूसी रही है। कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से अभी बचता रहा है।

रायबरेली
कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी और बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह

रायबरेली में कांग्रेस पार्टी को 2019 लोकसभा चुनाव के बाद खुश होते देखा गया है। इससे पहले विधानसभा चुनाव 2022 में हार के साथ कांग्रेस की गिरते ग्राफ से कांग्रेसियों के चेहरे पर चहक गायब सी हो गई थी। 2024 के लोकसभा चुनाव ने कांग्रेस को संजीविनी देने का काम किया है। खासकर रायबरेली में कांग्रेसियों का उत्साह भी उसी समय से चरम पर था, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नामांकन पत्र भरा था।

शुरू से ही समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता जीत के लिए आश्वस्त नजर आए। मंगलवार को ईवीएम खुली और जैसे-जैसे राहुल गांधी लीड लेते रहे, वैसे-वैसे भीषण गर्मी को दरकिनार कर कांग्रेसियों का उत्साह चरम पर पहुंचता रहा। फिर सिविल लाइन स्थित कार्यालय पर जमा कांग्रेसियों के चेहरे पर जीत की खुशी दिखी। इस दौरान कांग्रेस पार्टी ने बड़ा मंगल पर भंडारा का आयोजन कराया। जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं बीजेपी के अटल भवन स्थित कार्यालय पर कार्यकर्ता टीवी स्क्रीन पपर लोकसभा चुनावों को परिणाम को देखते नजर आए। पार्टी की हार से कार्यकर्ता बेहद ही मायूस दिखे। करीब 10 साल बाद बीजेपी कार्यालय में उदासी दिखी।

ढूंढे से भी नहीं मिले बसपा के समर्थक

इस चुनाव में बसपा की सक्रियता बिलकुल भी नहीं दिखी। पार्टी प्रत्याशी ठाकुर प्रसाद यादव ने सरेनी को छोड़कर कहीं भी चुनाव प्रचार नहीं किया था। शहर के राणा नगर में पार्टी का चुनाव कार्यालय खोला गया था, जिसे 18 मई को ही बंद कर दिया गया था। मतगणना के दौरान भी बसपा के समर्थक नदारद रहे।

देश दुनिया की खबरों की अपडेट के लिए AVN News पर बने रहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *