एवीएन न्यूज डेस्क नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव करीब आते ही बीजेपी जोर शोर से तैयारियों में जुट गई है. गुरुवार देर रात तक चली इस बैठक में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में आखिरकार उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगभग तय हो ही गई, अब सिर्फ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होनी बाकी है. माना जा रहा है कि आज या कल में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी (BJP Candidates First List) कर सकती है. बीजेपी की पहली लिस्ट में 100 से 120 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम जारी हो सकते हैं. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि पार्टी इस बार ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और युवाओं को मौका दे सकती है. बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस उन सीटों को जीतने पर है, जिन पर साल 2014 और 2019 के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था. इन सभी सीटों को जीतने के लिए गहन विचार और मंथन इस बैठक में किया गया.

लोकसभा चुनाव में किन उम्मीदवारों को टिकट देना है लगभग तय
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक गुरुवार को शाम छह बजे से शुरु होनी थी. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके आवास पर करीब 3 घंटे तक चली मैराथन बैठक की वजह से इसमें बहुत देरी हो गई. प्रधानमंत्री आवास पर चल रही बैठक की वजह से केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रात को 11 बजे से शुरू हो सकी और शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे बैठक खत्म हुई थी. बैठक में सबसे पहले उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की लोकसभा सीटों पर सबसे ज्यादा विचार और मंथन किया गया. पार्टी ने इस बात पर भी विचार किया कि किन उम्मीदवारों को टिकट देना है, जो कि बीजेपी को बंपर जीत दिला सकें. हालांकि उम्मीदवारों के नाम पर भी बैठक में फाइनल कर लिए गए हैं. अब सिर्फ नामों का ऐलान होना ही बाकी रह गया है. माना जा रहा है कि आज या कल में बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है.
इस रणनीति से भाजपा ने तय किए उम्मीदवार
आप को बता दें कि उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाने के लिए भजापा को लंबे-चौड़े प्रोसेस से गुजरना पड़ा है. नमो ऐप पर जनता से सांसदों के बारे में फीडबैक लिया गया था. लोगों से उनके क्षेत्र में तीन सर्वाधिक लोकप्रिय भाजपा नेताओं के नाम पूछे गए. वहीं बीजेपी सांसदों से पिछले दो सालों में किए गए उनके काम के बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई. सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों से हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी गई थीं. भाजपा शासित राज्यों में हर संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है. इन मंत्रियों से कहा गया है कि वे लोक सभा सीटों का दौरा कर सभी सांसदों के बारे में रिपोर्ट लें. जिसके बाद पार्टी ने मंत्रियों और संगठन से मिली रिपोर्ट को प्रदेश स्तर पर चुनाव समिति की बैठक में रखा गया है. संगठन महासचिवों ने आरएसएस का फीडबैक भी लिया है. सभी राज्यों की चुनाव समितियों की बैठकों में हर संसदीय सीट पर उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार किया गया है।
उम्मीदवारों के चयन में आरएसएस की भी अहम भूमिका
दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले हर राज्य के कोर ग्रुप की भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महासचिव बी एल संतोष के साथ भी बैठक हुई है. इन बैठकों में हर सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नामों की भी चर्चा हुई. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की लंबी बैठक हुई. इस बैठक में भी उम्मीदवारों के नामों पर खूब चर्चा हुई और उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राज्यवार उम्मीदवारों के नामों पर भी चर्चा की गई. भाजपा ने हर सीट के हिसाब से रणनीति तैयार की है. यह देखा गया है कि हर सीट को जीतने के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार कौन हो सकता है. वहीं उम्मीदवार अगर दूसरी पार्टी का है तो उसे भाजपा में लाने के लिए पूरा जोर लगाया गया है, इसके लिए कवायद हर राज्य में और केंद्रीय स्तर पर समितियां बनाई गईं. ये भी तय किया गया है कि जिन सांसदों का प्रदर्शन ठीक नहीं है, उनका टिकट बिना किसी झिझक के ही काट दिया जाएगा.
नए लोगो को मिलेगा मौका, कटेंगे मौजूदा सांसदों के टिकट
दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हर सीट पर कमल लड़ रहा है. लोकसभा चुनाव में करीब 60-70 सांसदों के टिकट को काटे जाएंगे. दो बार से अधिक जीत चुके और उम्रदराज कई सांसदों की जगह नए चेहरों को मौका दिए जाने पर अभी सहमति बनी है. हालांकि ज्यादा ओबीसी वर्ग के सांसदों का टिकट नहीं काटे जाएंगे. साल 2019 में भाजपा के 303 में से 85 ओबीसी सांसद जीत कर लोकसभा पहुंचे थे, इस बार भी पार्टी इसी तरह की रणनीति को फॉलो करना चाहती है.