देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर पूरे देश मैं एक बहस छिड़ गई है. नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार ने शनिवार को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के अध्ययन के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. रविवार (3 सितंबर) को इस कमेटी के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है और इसके बाद वो एक्शन में दिखे. और उन्होंने कानून मंत्रालय के अधिकारियों से भी मुलाकात की. आपको बताते हैं कि इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों का रुख और क्या कहा है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के विचार को भारतीय संघ और इसके सभी राज्यों पर हमला करार दिया है. उन्होंने रविवार (3 सितंबर) को सोशल मीडिया “X” पर अपने पोस्ट में कहा कि इंडिया भारत है और यह राज्यों का संघ है. एक देश, एक चुनाव का विचार भारतीय संघ और इसके सभी राज्यों पर एक हमला है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि लोकतांत्रिक भारत धीरे-धीरे तानाशाही में तब्दील हो जाए. एक राष्ट्र, एक चुनाव पर समिति बनाने की ये नौटंकी भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने का एक बड़ा हथकंडा है.

जेडीयू (JDU)ने किया विरोध

जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने आरोप लगाया है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव बीजेपी की महंगाई और रोजगार पर अपनी विफलता से लोगों का ध्यान बांटने की चाल है. बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव बहस योग्य मुद्दा है और सभी दलों से परामर्श किए बगैर उसपर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए.
बीजेपी नेता कर रहे समर्थन

बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ‘एक राष्‍ट्र-एक चुनाव’ का समर्थन करते हुए कहा है कि इससे लोकतंत्र की समृद्धि और उसकी स्थिरता सुनिश्चित होगी. उन्होंने इसे आज की आवश्यकता बताया है और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया. योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश में स्थिरता महत्वपूर्ण है. ऐसे ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारों की स्थिरता के साथ-साथ विकास के लिए भी एक गतिमान सरकार चाहिए होती है. इस दृष्टि से “वन नेशन-वन इलेक्शन” एक अभिनंदनीय प्रयास है.

पहले एक राष्ट्र, एक आय करो- उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव

आरजेडी (RJD) नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव करने से पहले एक राष्ट्र, एक आय करो. पहले सबकी एक आय हो फिर एक देश में एक चुनाव की बात हो. देश में इतनी महंगाई और बेरोजगारी है, पीएम मोदी पहले सबकी इनकम एक बराबर करें. उन्होंने दावा किया आज ये एक राष्ट्र, एक चुनाव की बात कर रहे हैं, बाद में कहेंगे कि अब से केवल लोकसभा का ही चुनाव होगा और राज्य के चुनाव खत्म कर देंगे. फिर ये एक भाषा, एक धर्म, एक पार्टी, एक नेता की बात करेंगे और एक देश .

अखिलेश यादव क्या बोले?

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि एक देश, एक चुनाव करवाने से पहले बीजेपी (BJP) सरकार, इस बार लोकसभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले.

उन्होंने आगे कहा कि इससे एक तरफ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही बीजेपी (BJP) को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह बीजेपी के खिलाफ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली हो रही है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बताया अलोकतांत्रिक

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने समिति गठित किए जाने को पूरी तरह अलोकतांत्रिक करार दिया. पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान सिंह चक्रवर्ती ने कहा कि ऐसे कदम से बहुलता में एकता की अवधारणा से समझौता किया जा रहा है. इस तरह की समिति गठित करना बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं है. बीजेपी संभवत: कांग्रेस और वाम दलों समेत इंडिया से डर रही है. बीजेपी इंडिया से लोगों का ध्यान हटाने का प्रयास कर रही है.

बीजेडी ने भी किया समर्थन

ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजेडी ने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि अगर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए कानून बनाया जाता है तो वह इस फैसले पर देश के साथ जाएगी. पूर्व मंत्री और बीजद के विधायक बद्रीनारायण पात्रा ने कहा कि जब भी एक साथ चुनाव होंगे, पार्टी को इसकी चिंता नहीं है. हमारे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा कहा है कि बीजद राज्य में किसी भी अन्य राजनीतिक दल की तुलना में चुनाव का सामना करने के लिए बेहतर तैयार है.

आम आदमी पार्टी (AAP ) ने क्या कहा?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के लिए क्या जरूरी है, वन नेशन वन इलेक्शन या वन नेशन वन एजुकेशन (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा), वन नेशन वन इलाज (अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसा अच्छा इलाज), आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से क्या मिलेगा.

वाईएसआरसीपी (YSRCP) भी सपोर्ट में है

आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के महासचिव वी विजयसाई रेड्डी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा के कई सकारात्मक पहलू हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि इससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. आंध्र प्रदेश पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही होते हैं.

डीएमके (DMK) ने जताया विरोध

तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी (DMK ) ने एक राष्ट्र, एक चुनाव का पूरजोर विरोध किया है. डीएमके चीफ और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार का ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर जोर देना हमारे संघीय ढांचे को कमजोर करने का प्रयास है. अचानक की गई इस घोषणा और फिर उसके बाद उच्च-स्तरीय समिति के गठन से संदेह को बढ़ावा मिलता है. ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ तानाशाही का नुस्खा है, लोकतंत्र का नहीं है.

एआईएडीएमके केंद्र सरकार के साथ

तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी और भारती जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी एआईएडीएमके ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके चीफ एडप्पादी के पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रस्ताव की पुरजोर वकालत करती है क्योंकि ये हमारे देश के विकास की गति को बढ़ाएगा और राजनीतिक अस्थिरता से बचाएगा. एक साथ चुनाव होने से समय, भारी लागत की बचत होगी.

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