Vinayak Damodar Savarkar : भारत को आजादी के संघर्ष में कई वीर सेनानियों ने अपना सब कुछ दांव पर लगाया था, और उनमें से एक महान नेता थे वीर सावरकर। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, वकील, समाज सुधारक और हिंदुत्व के समर्थक थे। आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य:
वीर सावरकर
1. प्रारंभिक संघर्ष: वीर सावरकर ने अपनी किशोरावस्था में ही ‘मित्र मेला’ नामक एक संगठन की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य देशवासियों में राष्ट्रीय भावना और क्रांतिकारी विचार फैलाना था।
2. स्वदेशी आंदोलन: 7 अक्टूबर 1905 को दशहरे के दिन उन्होंने विदेशी वस्तुओं के खिलाफ होलिका में आग लगाई, ताकि लोगों में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बढ़े और विदेशी साम्राज्य का विरोध हो सके।
3. नास्तिकता और तर्कसंगतता: सावरकर ने धार्मिक अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने गाय की पूजा को अंधविश्वास मानते हुए तर्कसंगत सोच को बढ़ावा दिया।
4. सजा और संघर्ष: 1909 में सावरकर को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्हें अंडमान की कुख्यात सेलुलर जेल में 50 साल की सजा सुनाई गई, जहां उन्होंने कड़ी यातनाओं का सामना किया।
5. राजनीति से असहमति: 1942 में जब महात्मा गांधी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू किया, सावरकर ने उसका विरोध किया और हिंदू महासभा के जरिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी नीति बनाई।
6. हिंदुत्व का विचार: सावरकर ने अपनी किताब ‘हिंदुत्व’ में द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की वकालत की, जिसमें उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लिए अलग-अलग राष्ट्र की आवश्यकता पर बल दिया।
7. महात्मा गांधी की हत्या का आरोप: 1948 में महात्मा गांधी की हत्या में उनका नाम भी लिया गया था, लेकिन बाद में अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।
8. पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डा: 2002 में पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया, ताकि उनकी योगदान को याद किया जा सके।
9. अंतिम दिन: 1966 में वीर सावरकर ने भूख हड़ताल शुरू की और 26 फरवरी 1966 को उनका निधन हो गया। उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।
वीर सावरकर का जीवन हमें देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने की प्रेरणा देता है। वे न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, बल्कि एक समाज सुधारक और विचारक भी थे।