प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के साथ भारत को 21 मिलियन डॉलर फंडिंग दिए जाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद बड़ा विवाद पैदा हो गया है. वही पहले से ही अमेरिका की सहायता एजेंसी USAID द्वारा भारत में चुनाव संबंधित फंडिंग का मुद्दा इस समय काफी चर्चा में है. अब कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी आरोप लगाया है कि USAID का पैसा भारतीय चुनावों में इस्तेमाल हो रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी: डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आरोप लगाया है कि अमेरिका ने भारत को 21 मिलियन डॉलर दिए हैं जो चुनावों में खर्च किए गए है. वही ट्रंप का यह बयान भारतीय राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा का विषय बन गया है. वही उनका दावा है कि यह फंड भारत में वोटर टर्नआउट के लिए दिया गया, जबकि रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे बांग्लादेश के लिए मंजूर किया गया था.
कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि मोदी सरकार को ट्रंप से इस बारे में स्पष्टता मांगनी चाहिए. वही पवन खेड़ा का कहना है कि पिछले 11 वर्षों में 44 प्रतिशत USAID फंड भाजपा (बीजेपी) शासन में आया, जबकि 40 प्रतिशत UPA काल के दौरान आया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह यह स्पष्ट करें कि यह फंड किन संगठनों को गया है.

पवन खेड़ा की मांग: वही पवन खेड़ा ने कहा है कि USAID के मामले में रोज नए झूठ सामने आ रहे हैं. भाजपा (बीजेपी) ने कहना शुरू किया की ये करार 2012 में हुआ जबकि तब के मुख्य चुनाव आयोग चीफ से एसवाई कुरैशी (SY Qureshi) ने यह साफ किया की पैसे आए ही नहीं. फिर पता चला की ये पैसा बांग्लादेश गया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझाते हुए कहा कि मोदी सरकार को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जो यह बताए कि यह फंड किस तरह और कहां खर्च किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के साथ ट्रंप ने दोहराया दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया और लगातार चौथे दिन भारत को “वोटर टर्नआउट“ के लिए 21 मिलियन डॉलर देने के अपने आरोप को फिर से दोहराया. वही शब्दश: अगर कहा जाए तो उनका यह कहना था, “मेरे दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं. हम भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं. हमारा क्या? मैं भी वोटर टर्नआउट चाहता हूं.“
अमेरिकी के राष्ट्रपति ट्रंप ने साथ ही बांग्लादेश का भी जिक्र किया है, जिसके बारे में उन्होंने बताया है कि, “बांग्लादेश में 29 मिलियन डॉलर एक ऐसी फर्म को दिए गए, जिसके बारे में किसी ने कभी सुना ही नहीं था. वही उस फर्म में सिर्फ दो लोग ही काम कर रहे थे.“
इंडियन एक्सप्रेस ने भी शुक्रवार को एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत को 2008 के बाद से किसी भी चुनाव संबंधी परियोजना के लिए यूएसएआईडी से कोई भी फंडिंग नहीं मिली है. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर का एकमात्र USAID का फंड 2022 में बांग्लादेश में एक परियोजना के लिए दिया गया था.