AVN News Desk New Delhi: राज्यसभा में शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर से जुड़े तीन विधेयकों को पारित किया गया है, जो स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने और केंद्र में अनुसूचित जाति और जनजाति की सूची को संशोधित करने का प्रवाधान को करते हैं। जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 और संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 इस सप्ताह की शुरुआत में ही लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय कानून(संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून(संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया गया था। जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण को देने की बात कही गई थी। शुक्रवार को राज्यसभा ने जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित किया गया है। विधेयक जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 (1989 का IX), जम्मू और कश्मीर नगरपालिका अधिनियम, 2000 और जम्मू-कश्मीर नगर निगम अधिनियम, 2000 में जो कि संशोधन करता है। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है।
संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 राज्यसभा में हुआ पारित
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया गया था, जो कि अनुसूचित जाति की सूची में वाल्मिकी समुदाय को जोड़ता है। विधेयक 1956 के संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश में संशोधन करता है, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अनुसूचित जाति मानी जाने वाली जातियों को सूचीबद्ध करता है। शुक्रवार को राज्यसभा में विधेयक पारित किया गया है। यह विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका था।
संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया है
केंद्रीय जनजातीय मामलों के कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया था, जो अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग सूची बनाने के लिए संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश 1989 में संशोधन का प्रावधान करता है। शुक्रवार को राज्यसभा ने इस विधेयक को भी पारित किया है। यह विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका था।