AVN News Desk New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने SBI से सख़्त लहजे में यह कह दिया है कि 12 मार्च तक चुनावी बांड की सारी जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए। तो इस ख़बर को सरकार के द्वारा कैसे दबाया जाए। तो एक बार फिर CAA का तीर छोड़ दिया गया है।
वैसे CAA आज की पहली और प्रमुख ख़बर क्या है?
ख़बर यह नहीं है कि CAA लागू करने की अधिसूचना जारी हो गई है।
बड़ी ख़बर यह है कि एक बार फिर से हेडलाइन मैनेजमेंट की कोशिश की गई है। मुद्दा बदलने वाले बोले या दवाने की कोशिश की गई है।
क्यों…क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) से सख़्त लहजे में कह दिया है कि 12 मार्च तक चुनावी बांड की सारी जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए और चुनाव आयोग 15 मार्च तक उसे सार्वजनिक भी करे।
तो इस बड़ी ख़बर को कैसे दबाया जाए। तो एक बार फिर से 11 मार्च को CAA का तीर को छोड़ दिया गया है। वरना क्या वजह है कि 2019 में पास किया गया CAA 2024 के चुनाव से ऐन मौके से पहले लागू किया जा रहा है। नियमों के मुताबिक किसी भी क़ानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के भीतर ही तैयार हो जाने चाहिए। लेकिन इस मामले में सरकार द्वारा बार-बार एक्टेंशन लिया जाता रहा है।
CAA (सीएए) यानी नागरिकता संशोधन क़ानून के तहत तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिमों यानी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को नागरिकता देने का प्रावधान है।
यह हमारे संविधान की मूल भावना के विपरीत है, लेकिन अब भारत सरकार, बीजेपी ( भारतीय जनता पार्टी) और गोदी मीडिया तीनों चीख़ चीख़ कर बता रहे हैं कि यह तो नागरिकता देने का क़ानून है। लेकिन यह नहीं बता रहे है कि इसके लिए हमारे पास पहले से ही क़ानून है। नागरिकता अधिनियम, 1955. दिलचस्प बात यह भी है कि यह 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए शरणार्थियों पर ही लागू होगा। यानी मोदी सरकार के इन दस सालों के दौरान आए शरणार्थियों पर क्यों नहीं।
आखिर इस नए क़ानून में क्या ग़लत है इसको लेकर पिछली बार ही काफ़ी बहस और खूब आंदोलन हो चुका है। हमारे गृहमंत्री अमित शाह भी देश की क्रोनोलॉजी समझा चुके हैं कि पहले CAA आएगा और फिर NRC (एनआरसी) . तो फिर केन्द्र में मोदी सरकार चाहती है कि देश में एक बार फिर से शाहीनबाग़ जैसे आंदोलन हों और जनता का ध्यान सारे मुद्दों जैसे सबसे बडा बेरोजगारी से हटाकर चुनाव में एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम करने का भरपूर मौका मिल सके।