पीएम मोदी ने रामेश्वरम पहुंचकर हाईटेक नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया है. उन्होंने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई है. साथ ही पुल के संचालन को देखा और उसके बारे में जानकारी ली. वही रामनवमी के अवसर पर आज देश को यह हाईटेक सी-ब्रिज मिल गया है.
पीएम मोदी ने पंबन रेल ब्रिज का किया उद्घाटन
पीएम नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम को जोड़ने वाले नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया है. वही तमिलनाडु में मंडपम रेलवे स्टेशन को रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से देश के पहले वर्टिकल सस्पेंशन ब्रिज के जरिए जोड़ा गया है. पीएम नरेंद्र मोदी रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे. उसके बाद वे रामेश्वरम में ही तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे पीएम मोदी और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. वही इस अवसर पर वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका से लौटते वक्त रामसेतु दर्शन का वीडियो शेयर किया. उन्होंने लिखा, आज रामनवमी के पावन अवसर पर श्रीलंका से वापस आते समय आकाश से रामसेतु के दिव्य दर्शन हुए है. ईश्वरीय संयोग से मैं जिस समय रामसेतु के दर्शन कर रहा था, उसी समय मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के दर्शन का भी सौभाग्य मिला है. मेरी प्रार्थना है, हम सभी पर प्रभु श्रीराम की कृपा बनी रहे.
वही नए पंबन रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य पिछले साल नवंबर में ही पूरा हो गया था. वही दक्षिण भारत में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को जोड़ने वाला पंबन ब्रिज पहली बार 1914 में बना था. वही वो भारत का पहला समुद्र के ऊपर बना रेल पुल था. वही 111 साल बाद अब ये पुल नए कलेवर में तैयार है.

अब नए कलेवर में तैयार है वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज
देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज जो सिर्फ दो किनारों को नहीं, बल्कि सपनों और संभावनों को भी जोड़ता है. वही नए पुल के तार पुराने पुल से जुड़े हुए हैं. वही बात साल 1914 की है, जब भारत में देश का पहला समुद्री रेलवे पुल बना था. और इसका नाम था- पंबन ब्रिज. वही तमिलनाडु के मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला ये पुल ब्रिटिश काल में बना था और 100 साल से भी ज्यादा समय तक देश की सेवा करता रहा, लेकिन समय के थपेड़ों और समंदर की लहरों ने जब जर्जर कर दिया तो 2022 में इसे बंद कर दिया गया था. वही यह नया पुल अंग्रेजी हुकूमत में बने पंबन पुल के समानांतर बना हुआ है जो करीब 111 साल पुराना हो चुका है. वही समुद्री यातायात को आसान बनाने के लिए पुल पर बना रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा 17 मीटर ऊपर उठ सकता है ताकि जहाजों को नीचे से गुजरने का रास्ता मिल जाए. वही नए पंबन ब्रिज की लिफ्ट को खुलने में 5 मिनट और 30 सेकंड लगते हैं, जबकि पुराने ब्रिज की स्विंग को खुलने में 35 मिनट से 40 मिनट तक लग जाते थे. वही अगर हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा हो जाती है, ऐसे में ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी जाएगी.