Parliament Monsoon Session : संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले यानी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की तरफ से गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी शामिल होंगे। देश की सबसे बड़ी लोकतंत्र की इस पंचायत में गतिरोध और हंगामा न हो इसलिए शनिवार को सांसदों को याद दिलाया गया है कि अध्यक्ष के दिए निर्णयों की सदन के अंदर या बाहर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आलोचना नहीं की जानी चाहिए। सदस्यों को यह भी बताया गया है कि उन्हें वंदे मातरम् और जय हिंद जैसे नारे नहीं लगाने चाहिए और सदन के भीतर फ्लोर पर प्रदर्शन करने से बचना चाहिए।

मानसून सत्र

संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त को समाप्त होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार का पहला बजट पेश करेंगी। राज्यसभा सचिवालय ने 15 जुलाई को एक बुलेटिन जारी कर राज्यसभा के सदस्यों के लिए पुस्तिका के कुछ अंश प्रकाशित किए हैं। इनमें सदस्यों का ध्यान संसदीय रीति-रिवाजों, परंपराओं और संसदीय शिष्टाचार की ओर आकर्षित किया गया है।

संसदीय शिष्टाचार का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि आक्षेप, आपत्तिजनक और असंसदीय अभिव्यक्तियों वाले शब्दों का प्रयोग करने से पूरी तरह बचना चाहिए। जब सभापति को लगता है कि कोई विशेष शब्द या अभिव्यक्ति असंसदीय है, तो उस पर कोई बहस छेड़े बिना उसे तुरंत ही वापस ले लेना चाहिए। जब कोई सदस्य किसी अन्य सदस्य या मंत्री की आलोचना करता है, तो उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह उसका उत्तर सुनने के लिए सदन में उपस्थित भी रहे। जब संबंधित सदस्य या मंत्री जवाब दे रहा हो उस वक्त गैर हाजिर रहना संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन है।

संसद में कल पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण

अर्थव्यवस्था की सेहत का पूरा हाल बताने वाला आर्थिक सर्वेक्षण मानसून सत्र के पहले दिन संसद में पेश किया जाएगा। निर्मला सीतारमण आम बजट से एक दिन पूर्व सोमवार को आर्थिक सर्वे पेश करेंगी, जिसमें रोजगार, जीडीपी, मुद्रास्फीति की स्थिति समेत आर्थिक मोर्चे पर भविष्य की संभावनाओं और नीतिगत चुनौतियों का पूरा लेखा-जोखा होगा। आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व में तैयार किया गया है।

वही सत्र के दौरान 19 बैठकें और मानसून सत्र में संसद 19 दिन बैठेगी और सरकार का लक्ष्य इस दौरान छह विधेयकों को पारित कराना भी होगा । इसके अलावा सरकार जम्मू-कश्मीर के बजट पर भी संसद की मुहर लगवाना चाहेगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है, ताकि यह समझा जा सके कि सत्र के दौरान वे कौन से मुद्दे उठाना चाहते हैं।

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