One Nation One Election: वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. वही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक देश-एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट आज पेश की गई, जहां एनडीए (NDA) सरकार ने इसे मंजूरी दे दी. वहीं कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक बढ़ाने का सुझाव भी दिया है. वही कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने अब विरोध जताना शुरू कर दिया हैं.

वन नेशन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

वही माना जा रहा है कि मोदी सरकार इसे शीतकालीन सत्र में मंजूरी के लिए संसद में संबंधित बिल पेश कर सकती है. और वहीं वन नेशन-वन इलेक्शन व्यवस्था लागू करने में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संविधान और कानून में बदलाव भी करना पड़ेगा. वही एक देश एक चुनाव के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा. वही इसके लिए सभी राज्यों की सहमति भी जरूरी होगी. और ऐसे में जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कौन सी पार्टियां ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के पक्ष में हैं और कौन सी पार्टियां इसके विरोध में हैं?

जानें कौन सी 32 पार्टियों ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ को अपना समर्थन दिया?

वही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाए गए पैनल ने देश के 62 राजनीतिक दलों से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव से विचार-विमर्श कर उनकी राय मांगी थी, जिसमें से 18 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के बाद पैनल ने अपने फैसले को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने निष्कर्ष सौंप दिए था. रिपोर्ट के अनुसार, 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने इसका समर्थन किया था, जबकि 15 राजनीतिक दलों ने इसका पूरा विरोध किया था.

समर्थन करने वाली पार्टियां कौन सी है?

समर्थन करने वालों में सबसे ऊपर शामिल बीजेपी (BJP ) है. जिसके बाद नेशनल पीपल पार्टी, अपना दल (एस), ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन, असम गण परिषद, बीजू जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), मिजो नेशनल फ्रंट, जेडीयू, राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी, युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम, शिवसेना, तेलगू देशम पार्टी, एआईएडीएमके और अकाली दल जैसी अन्य पार्टियां शामिल हैं.

वन नेशन-वन इलेक्‍शन का कितनी पार्टियों ने किया विरोध?

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर देश की 4 राष्ट्रीय पार्टियोें ने विरोध जताया. जिनमें कांग्रेस (INC) , आम आदमी पार्टी (आप), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) शामिल हैं. वही इसके अलावा अखिल भारतीय संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस (TMC) , ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, नागा पीपुल्स फ्रंट, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) , मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिवसेना यूबीटी, एनसीपी (शरद पवार) जैसी पार्टियां शामिल हैं.

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