इंडियन संसद प्रणाली के इतिहास : में आज मंगलवार 19 सितंबर 2023 का दिन ऐतिहासिक है। आज से संसद की कार्यवाही नए संसद भवन (New Parliament House) में होगी। ये समय की जरूरत भी थी और आधुनिकता की मांग भी।

नए संसद भवन की तमाम बातें आपने कही ना कही सुनी होंगी, लेकिन आज हम चर्चा कर रहे हैं पुराने संसद भवन (Old Parliament House) से जुड़ी कुछ अहम जरूरी बातों की…

इस आर्टिकल के जरिये हम जानेंगे कि भारत (India) के लोकतंत्र का मंदिर रहे पुराने संसद भवन को बनाने के लिए किस तरह जगह (एरिया) का चुनाव किया गया… कैसे अलग अलग पत्थर इस्तेमाल किया गया…… किसने डिजाइन किया….. वगैरह…वगैरह!

लोकसभा की वेबसाइट के अनुसार, ब्रिटिश हुकुमत के दौरान साल 1911 में India (भारत) की नई राजधानी के रूप में दिल्ली (Delhi) को चुना गया। आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) और हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) को दिल्ली को बसाने की जिम्मेदारी मिली। दोनों ही ब्रिटिश नागरिग थे। इन दोनों ने ही इंडिया (भारत ) की पहली संसद को डिजाइन किया था। तब इसे काउंसिल हाउस के रूप में जाना जाता था।

क्या किसी मंदिर से प्रभावित है संसद का डिजाइन?

माना जाता है कि 1927 में बनकर तैयार हुए गोलाकार संसद भवन का डिजाइन मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित एक चौसठ योगिनी के मंदिर से प्रभावित है, आप अगर पुराने संसद भवन और इस मंदिर को देखेंगे तो आपको काफी समानताएं नजर आएंगी, इसका जब काफी किताबो और इंटरनेट पर जानकारी जुटाने की कोशिश किया ,हालांकि इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।

कैसे चुनी गई पुराने संसद की जगह?

पुराने संसद भवन के निर्माण के लिए जगह चुनने के लिए बकायदा कमेटी बनाई गई जिसने अलग-अलग तरीकों से इसके लिए जगह की खोज की। कमेटी ने शाहजहां के बसाए शाहजहानाबाद के पास उस वक्त मौजूद मालचा गांव और उसके पास मौजूद एक किले के बीच की जगह, जिसे रायसिना की पहाड़ियां (Raisina Hills) कहा जाता था, को इसके लिए चुना। इसे समतल किया गया और फिर शुरू हुआ भवन का निर्माण।

रायसीना हिल्स (Raisina Hills) में ही राष्ट्रपति भवन, नया संसद भवन नॉर्थ-साउथ ब्लॉक जैसी खूबसूरत इमारतें मौजद हैं।
इस जगह को पहले पूरा समतल कर पुराने संसद भवन का डिजाइन बनाया गया और 1921 में इसका निर्माण शुरू कर दिया गया। 6 सालों बाद ये संसद भवन बनकर तैयार हुआ।

उस समय कितना खर्च आया था? कौन – कौन से पत्थर का हुए इस्तेमाल?

96 साल पहले बने संसद भवन को बनाने में उस वक्त 83 लाख रुपये खर्च हुए थे। इस शानदार इमारत को बनाने में लाल और Beige बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया।

रायसीना हिल्स (Raisina Hills) में ही राष्ट्रपति भवन, नया संसद भवन नॉर्थ-साउथ ब्लॉक जैसी खूबसूरत इमारतें मौजद हैं।
इस जगह को पहले पूरा समतल कर पुराने संसद भवन का डिजाइन बनाया गया और 1921 में इसका निर्माण शुरू कर दिया गया। 6 सालों बाद ये संसद भवन बनकर तैयार हुआ।

पुराने संसद भवन का व्यास 560 फीट है. यह करीब छह एकड़ एरिया में फैला हुआ है. 27 फीट ऊंचे 144 खंभे इसे एक प्रमुख आकार प्रदान करती हैं.

उस समय कितना खर्च आया था?

96 साल पहले बने संसद भवन को बनाने में उस वक्त 83 लाख रुपये खर्च हुए थे। इस शानदार इमारत को बनाने में लाल और Beige बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया।

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