सुप्रीमकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 18 जुलाई के मामलों की सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ आज 40 से अधिक पेंडिंग याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले हैं । और इनमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (नीट-यूजी) से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा। इनमें राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। मुकदमेबाजी की बहुलता से बचने के लिए एनईईटी-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में इसके खिलाफ लंबित मामले शीर्ष अदालत में लंबित हैं।

सुप्रीमकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई याचिकाएं

सुप्रीमकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 18 जुलाई के मामलों की सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पांच मई को हुई परीक्षा में करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

वही शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को उन याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, जिनमें परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा देने और एनईईटी-यूजी 2024 के संचालन में कथित कदाचार की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं केंद्र के जवाब के रूप में शामिल थीं। पीठ ने कहा था कि उसे परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच में हुई प्रगति पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से एक स्थिति रिपोर्ट प्राप्त हुई है।

वहीं, पिछले सप्ताह ही सुप्रीमकोर्ट में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें केंद्र ने कहा है कि नीट-यूजी के परिणामों का डेटा विश्लेषण आईआईटी-मद्रास द्वारा किया गया था, जिसमें पाया गया कि न तो सामूहिक कदाचार का कोई संकेत था और न ही उम्मीदवारों का कोई स्थानीय समूह था। इससे लाभ हुआ और असामान्य रूप से उच्च अंक प्राप्त हुए। सरकार का यह दावा शीर्ष अदालत द्वारा 8 जुलाई को की गई टिप्पणियों के मद्देनजर आया है। केंद्र का कहना है कि अगर परीक्षा आयोजित करने में बड़े पैमाने पर कदाचार हुआ तो कोर्ट दोबारा परीक्षा का आदेश दे सकता है।

वही अब केंद्र ने एक ताजा हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा है कि आईआईटी-मद्रास के विशेषज्ञों ने नीट-यूजी के परिणामों के डेटा विश्लेषण में पाया गया है कि अंकों का वितरण घंटी के आकार के एक वक्र का अनुसरण करता है, जो किसी भी बड़े पैमाने की परीक्षा में देखा जाता है। यह कोई असामान्यता का संकेत नहीं देता है। हलफनामे में कहा गया है कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होने वाले चार राउंड में आयोजित की जाएगी।

इधर, एनटीए (NTA) ने भी इसी तर्ज पर एक अलग अतिरिक्त हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा है कि उसने राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर पर अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है। यह विश्लेषण इंगित करता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है। इसमें अंकों के वितरण को प्रभावित करने जैसा कुछ भी नहीं है।

आप को बता दें कि आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नीट-यूजी 2024 की पवित्रता का उल्लंघन हुआ है। यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है, पीठ ने एनटीए (NTA) और सीबीआई (CBI) से कथित पेपर लीक के समय और तरीके के साथ-साथ अनियमितताओं की सीमा को समझने के लिए गलत करने वालों की संख्या सहित विवरण मांगा था।

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