संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही. दोनों सदनों में कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही विपक्षी दलों ने अपने तेवर दिखा यह जाहिर कर दिया कि वह ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर सरकार को तनिक भी ढील नहीं देने वाला.
डॉनल्ड ट्रंप के युद्ध रुकवाने वाले दावे पर भी संसद में खूब हंगामा हुआ. हंगामे के बीच राज्यसभा से एक बिल भी पारित किया गया. मॉनसून सत्र के पहले ही दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए प्रस्ताव भी संसद में आया.
संसद में ट्रंप के दावे पर बवाल
संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में जारी एसआईआर पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपनी चेयर पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. वही विपक्ष के सांसद वेल में ही जमे रहे. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
राहुल गांधी का आरोप
दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, विपक्षी सदस्य फिर से वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहा था. वही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में आप अपनी बात रखिएगा, जिस भी विषय पर आप चर्चा चाहते हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हर बिंदु पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात कही. आसन से जगदंबिका पाल ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम लिया और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया.
राहुल गांधी ने लोकसभा में हंगामे के बाद कहा कि हम दो शब्द बोलना चाहते थे, लेकिन अनुुमति नहीं मिली. भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले दो, फिर चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. चार बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा, इसके बाद आसन से दिलीप सैकिया ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी.
राज्यसभा में ट्रंप के दावे पर हंगामा
राज्यसभा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने वाले दावे पर हंगामा हुआ. वही विपक्ष के नेता और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी सदस्यों ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस दिया था. वही उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आतंकी हमले के बाद कांग्रेस पार्टी, पूरा सदन सरकार के साथ खड़ा रहा था. उन्होंने कहा है कि पहलगाम हमला 22 अप्रैल को हुआ था और हमलावर अब तक न तो पकड़े गए हैं, ना ही मारे गए हैं. वही खड़गे ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे का मुद्दा भी उठाया और कहा है कि ट्रंप ने एक-दो बार नहीं, 24 बार यह कहा है कि मेरे हस्तक्षेप से युद्ध रुका है. यह देश के लिए अपमानजनक है.
खड़गे पर जेपी नड्डा का पलटवार
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पहले जन्मदिन की बधाई दी और फिर उनके वार पर पलटवार किया. नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा है कि बाहर यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार चर्चा नहीं चाहती है. हम चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के आठ दिनों में जो हुआ, आजादी के बाद कभी किसी ऑपरेशन में वैसा नहीं हुआ था. वही बाद में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए लोकसभा में 16, राज्यसभा में नौ घंटे का समय तय किया गया था.

लैडिंग बिल राज्यसभा में पास
राज्यसभा की कार्यवाही में भी बाधा आई है. सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. प्रश्नकाल के दौरान एविएशन सेफ्टी से जुडे सवालों के सरकार की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने जवाब दिए और बताया कि हर रोज पांच लाख से अधिक यात्री सुरक्षित हवाई यात्रा कर रहे हैं.
भोजनावकाश के बाद दो बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लैडिंग बिल पेश किया. विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत अन्य दलों के सदस्य वॉकआउट कर गए. फिर लैडिंग बिल चर्चा के बाद पारित हो गया. इस बिल पर चर्चा में विपक्ष की ओर से आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल, बीजू जनता दल के निरंजन बिशी और भारत राष्ट्र समिति के सदस्य ने ही सहभागिता की थी. यह बिल ध्वनिमत से पारित हो गया.
जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव
संसद के दोनों ही सदनों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव भी आया. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 50 से अधिक सदस्यों की ओर से जस्टिस वर्मा को हटाने का नोटिस मिलने की जानकारी देते हुए कहा है कि प्रस्ताव पर 55 सदस्य के हस्ताक्षर हैं, लेकिन सदस्यों की संख्या 54 है.
उन्होंने कहा है कि एक सदस्य ने दो बार हस्ताक्षर किए हैं. दूसरे हस्ताक्षर को अमान्य कर दिया जाएगा. उन्होंने नियम प्रक्रिया की भी चर्चा की और राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल से इसकी पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या लोकसभा में भी ऐसा मोशन आया है. राज्यसभा में मौजूद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस पर कहा है कि लोकसभा में भी सदस्यों ने स्पीकर को लिखकर प्रस्ताव दिया है.

नए सदस्यों को दिलाई गई सदस्यता की शपथ
इससे पहले, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत डॉक्टर मीनाक्षी जैन, सदानंद मास्टर और हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ ही बीरेंद्र प्रसाद बैश्य और अन्य नए सदस्यों को सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यता की शपथ दिलाई है. दोनों ही सदनों में अहमदाबाद प्लेन क्रैश की चर्चा करते हुए घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया गया.