INDIA Block Meeting : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मंगलवार को इंडिया ब्लॉक की बैठक हुई है. और इस बैठक में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर फैसला हो गया है. और साथ ही बैठक में हुए इस फैसले के बारे में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिख कर जानकारी दी गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार रात मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इंडिया ब्लॉक की बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा है कि इस बैठक में राहुल गांधी को सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाने फैसला लिया गया है. उन्होंने यह भी बताया है कि सीपीपी अध्यक्ष ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त करने के फैसले की जानकारी दी गई है.
CWC की बैठक में पास हुआ था प्रस्ताव
वही बीते दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने की मांग उठी थी. बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने प्रस्ताव पारित किया है कि राहुल गांधी को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया जाना चाहिए. और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए अपने नाम का प्रस्ताव पारित होने पर राहुल गांधी ने इस बारे में सोचने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों से कुछ वक्त मांगा था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी प्रारंभिक बातचीत में कहा है कि, ‘मैं आपका ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा जहां भी गई थी, हमने वहां कांग्रेस पार्टी के वोट प्रतिशत और सीटों की संख्या में काफी वृद्धि देखी है.
सीडब्ल्यूसी (CWC ) की ये बैठक लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई थी, जिसमें पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पार्टी के अन्य शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए थे.
कांग्रेस ने लोकसभा में जीतीं 99 सीटें
आप को बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए देश भर में 99 सीटों पर जीत हासिल की थी. पर इस वक्त कांग्रेस के खाते में 98 सीटें हैं, क्योंकि राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली सीट से चुनाव जीता था. और अब उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने चुनाव में 234 सीटों पर जीत हासिल की है. जो कि कांग्रेस के लिए एक संजीवनी साबित हुए है. और जबकि बीजेपी ने अपने अकेले दम पर 240 सीटों पर जीत दर्ज की है. साथ ही बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) गठबंधन ने देशभर में 293 सीटों पर जीत हासिल की है.
दस साल बाद कांग्रेस को मिला नेता विपक्ष का पद
आप को मालूम हो कि दस साल बाद कांग्रेस पार्टी को नेता विपक्ष का पद मिल पाया है. क्योंकि 2014 और 2019 में कांग्रेस पार्टी के पास इतने सांसद नहीं थे कि वो नेता विपक्ष का पद पाते. क्योंकि नियम है कि कम से कम कुल संख्या का 10 फीसदी सांसद आपकी पार्टी के पास होने चाहिए. इस बार 99 सांसद वाली कांग्रेस पार्टी इस मुकाम पर पहुंची. और इसी वजह से दस साल बाद नेता विपक्ष का पद कांग्रेस ले सकती थी. और जहां राहुल गांधी का नाम नेता विपक्ष की तरफ से तय किया गया है.
राहुल गांधी के पास होंगी ये सभी शक्तियां
वही अब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बन रहे हैं तो वह उस कमिटी का हिस्सा भी बन जाएंगे, जो सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, सीबीआई के डायरेक्टर, ‘लोकपाल’ या लोकायुक्त, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ती करती है. इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठेंगे और पहली बार ऐसा होगा, जब इन फैसलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी उनकी सहमति लेनी होगी.
आर्थिक फैसलों की समीक्षा अब कर पाएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष होने के बाद वह सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी भी कर सकेंगे. और वही राहुल गांधी उस ‘लोक लेखा’ समिति के भी प्रमुख बन जाएंगे, जो सरकार के सारे खर्चों की जांच करती है. और उनकी समीक्षा करने के बाद उन पर टिप्पणी भी करती है.
नेता प्रतिपक्ष को मिलेंगी ये सारी सुविधाएं
नेता प्रतिपक्ष होने के बाद Leaders Of Opposition In Parliament Act 1977 के अनुसार नेता प्रतिपक्ष के अधिकार और सुविधाएं ठीक वैसे ही होते हैं, जो कि एक कैबिनेट मंत्री के होते हैं. अब राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें कैबिनेट मंत्री की तरह सरकारी सचिवालय में एक दफ्तर भी मिलेगा. कैबिनेट मंत्री की रैंक के अनुसार उच्च स्तर की सुरक्षा भी मिलेगी. और उन्हें मासिक वेतन के रुप में और दूसरे भत्तों के लिए 3 लाख 30 हज़ार रुपये मिलेंगे, जो एक सांसद के वेतन से कहीं ज्यादा होता है. वही एक सांसद को वेतन और दूसरे भत्ते को मिलाकर हर महीने लगभग सवा 2 लाख रुपये ही मिलते हैं.
सरकार के सभी कामकाज की समीक्षा कर सकेंगे
राहुल गांधी को एक ऐसा सरकारी बंगला मिलेगा, जो कि सभी कैबिनेट मंत्रियों को मिलता है और उन्हें मुफ्त हवाई यात्रा, रेल यात्रा, सरकारी गाड़ी और दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी और तो सबसे बड़ी बात ये है कि संसद की मुख्य समितियों में राहुल गांधी बतौर नेता प्रतिपक्ष के रूप में शामिल होंगे और उनके पास ये सभी अधिकार होगा कि वो सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा भी करते रहेंगे.
राजीव-सोनिया गांधी के बाद राहुल संभालेंगे ये जिम्मा
इंडिया ब्लॉक की बैठक में राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का फैसला अब हो चुका है. वह गांधी परिवार के तीसरे सदस्य होंगे जो नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी को संभालेंगे. वही राहुल गांधी से पहले उनकी मां सोनिया गांधी 13 अक्टूबर, 1999 से 06 फरवरी, 2004 तक नेता प्रतिपक्ष रहीं थी. वहीं, सोनिया गांधी से पहले राजीव गांधी 18 दिसंबर, 1989 से 24 दिसंबर, 1990 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे.
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