AVN News शहीद दिवस : 30 जनवरी, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, जो की एक दर्दनाक हादसा था, क्योंकि इस दिन नाथू राम गोडसे द्वारा गांधी जी की हत्या की गई थी. इस दिन को एक आघातपूर्ण हादसे के रूप में याद किया जाता है. साथ ही, 23 मार्च भी एक और दुःखद दिवस है, जिसमें भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव को फांसी पर चढ़ा दिया गया था. इस समय हम इन अमर शहीदों को उनकी बहादुरी और बलिदान की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. यह एक ऐसा समय है जब समृद्धि की प्रार्थना और राष्ट्रभक्ति की भावना से भरी होती है।
इस मौके पर शिक्षा संस्थानों से लेकर सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा सभी वीरों की आत्माओं की शांति की प्रार्थना की जाती है. यह एक दृढ़ संकल्प दिवस है, जो राष्ट्रभक्ति और सत्याग्रह के मूल्यों को मन में स्थापित करता है।
महापुरुष महात्मा गांधीजी
स्वतंत्रता संग्राम के महापुरुषों में से एक व्यक्ति थे महात्मा गांधी, जिन्होंने अपने सिद्धांतों के साथ सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया। उनका पूरे नाम मोहनदास करमचंद गांधी था लेकिन उन्हें प्यार से “बापू” भी कहा जाता था, क्योंकि वे अपने आदर्शों और नेतृत्व के साथ एक राष्ट्रपिता के रूप में उच्च सम्मान के पात्र थे। उन्होंने भारतीय समाज को आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता की ओर मोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक नेता महात्मा गांधी का अंतिम प्रयाण 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे की गोली में हुआ। उनकी पुण्यतिथि को हम हमेशा एक श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाते हैं, जिसमें हम समर्पण और शांति की भावना के साथ महात्मा गांधी की अनमोल शिक्षाओं को याद करते हैं।
शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि

इस दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, देशवासियों के लिए शहीद दिवस के रूप में जाना जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन पर, राजघाट से लेकर देशभर में लोग बापू की श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जुटते हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और अन्य बड़े पदों के लोग इस अवसर पर राजघाट पहुंचकर गांधी जी और देश के शहीदों को श्रद्धांजलि समर्पित करते हैं। देशवासी इस मौके पर शांति और साहस की प्रार्थना करते हैं, साथ ही शहीदों की बहादुरी को सलामी देते हैं।