Sleep Paralysis : आजकल बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल का असर ओवरऑल हेल्थ पर खतरनाक होता जा रहा है। जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है और नींद भी प्रभावित होती है। इससे सेहत को और गंभीर जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। बदलते स्लीपिंग पैटर्न से स्लीप डिसऑर्डर का खतरा भी बढ़ सकता है। स्लीपिंग पैरालिसिस एक तकनीकी रूप से नींद में होने वाली असामान्य स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उसके शरीर पर कोई बैठा हुआ है शरीर परालिज़ हो जाता है और वह अपने शरीर को नहीं हिला सकता है। हम इस लेख में स्लीप पैरालिसिस के बारे में जानेंगे यहाँ बताई गई बातों को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है।
स्लीप पैरालिसिस क्या होता है
स्लीप पैरालिसिस एक तरह का स्लीपिंग डिसऑर्डर है जिसमें इंसान को नींद से जागने के बाद भी अपने शरीर को हिलाने या किसी काम को करने में मुश्किल होती है। इसे सरल शब्दों में समझें तो यह वह स्थिति है जब दिमाग जागता है लेकिन शरीर सोता है। यह समस्या आमतौर पर गहरी नींद में या नींद खुलने के कुछ समय पहले होती है, और अक्सर यह किशोरावस्था में बढ़ती हुई दिखाई जाती है।
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स्लीप पैरालिसिस का क्या कारण है
- नींद की कमी
- स्लीपिंग पैटर्न में बदलाव
- नशीली चीजों का सेवन
- दिमाग पर ज्यादा प्रेशर डालना
- बहुत ज्यादा तनाव
- पैनिक डिसऑर्डर की समस्या
स्लीप पैरालिसिस से बचाव के टिप्स
- नींद से समझौता न करें, 7-8 घंटे तक भरपूर नींद ले.
- सोने से दो घंटे पहले फोन न देखें.
- सोने-जागने का वक्त एक जैसा रखें.
- कम रोशनी वाला बेडरूम बनाएं.
- शराब, सिगरेट या कैफीन वाली चीजों का सेवन न करें.
- रोजाना एक्सरसाइज करें.
- दिमाग को शांत और फोकस बनाने के लिए मेडिटेशन करें.