बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान का दिन जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, सिकंदरा विधानसभा का माहौल अब पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुका है। यहां राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को जनता का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। गांव-गांव, चौपालों और नुक्कड़ों पर एक ही चर्चा है — “इस बार सिकंदरा में फिर से उदय नारायण चौधरी”।

उदय नारायण चौधरी का सिकंदरा में उठता जनसमर्थन इसी पृष्ठभूमि में और भी मायने रखता है। लोग उन्हें केवल एक पुराना नेता नहीं मानते — माना जाता है कि वे सुनते हैं और ज़मीन पर काम दिखाते हैं। सड़कों, विद्यालयों और स्थानीय सुविधाओं के छोटे-छोटे सुधार जो वर्षों से लोगों के जीवन को छूते हैं, उन पर उनका नाम जुड़ा है — और यही कारण है कि भावनात्मक समर्पण भी जागा है। यह समर्पण मतदाता-रुझान से भी मेल खाता है: जहाँ वोट बांटते रहे हैं, वहाँ भरोसे का कारक चुनाव का पैनिंग बदल सकता है।

गाँवों में मिलने वाली प्रत्यक्ष प्रतिक्रियाएँ इस आधारिक कहानी को पुष्ट करती हैं — बुजुर्गों की बातों में कृतज्ञता, माताओं-बहनों की उम्मीदें और युवाओं की नौकरी-शिक्षा संबंधी अपेक्षाएँ — सब एक ही रूपरेखा में मिलती हैं: एक विश्वसनीय चेहरा चाहिए जो विकास को पूरा करे। यही भाव उदय नारायण चौधरी के आसपास देखने को मिल रहा है। (जनसांस्कृतिक और स्थानीय प्रतिक्रियाएँ रिपोर्टिंग-फील्ड नोट्स पर आधारित हैं।)

 आंकड़े बताते हैं (संक्षेप में):

सिलसिलेवार विजेताओं और वोट-% में उतार-चढ़ाव ने यह दिखाया कि सिकंदरा में सही संदेश और मजबूत स्थानीय काम का बड़ा असर होता है।

2020 में जीत का मार्जिन और वोट-शेयर दर्शाते हैं कि वोट विभाजन (multi-cornered contests) यहाँ निर्णायक रहा — जिससे अनुभवी, भरोसेमंद चेहरे को लाभ मिल सकता है।

उदय नारायण चौधरी का नाम सिकंदरा के लोगों के दिल में किसी नेता की तरह नहीं, बल्कि अपने घर के एक सदस्य की तरह बसता है। उनकी सादगी, जनता से जुड़ाव और वर्षों से क्षेत्र के विकास के लिए किए गए कामों ने उन्हें आम लोगों का चहेता बना दिया है। सड़क से लेकर शिक्षा तक और युवाओं से लेकर किसानों तक — हर वर्ग के लोगों के बीच उनका सीधा संवाद और काम करने का अंदाज़ उन्हें बाकी नेताओं से अलग करता है।

सिकंदरा के कई इलाकों में घूमने पर साफ दिखता है कि जनता उनके प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है। एक बुजुर्ग किसान ने बताया, “उदय बाबू के रहते हमनी के आवाज़ विधानसभा तक पहुंचल। अब त उनका कामे बोल रहल बा।” वहीं युवाओं में भी उनका जबरदस्त प्रभाव है। रोजगार, शिक्षा और खेल-कूद को लेकर उदय नारायण चौधरी ने जो पहलें की हैं, उसने युवाओं के दिल में उनकी जगह और मजबूत कर दी है।

राजद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे उदय नारायण चौधरी केवल एक नेता नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का प्रतीक बन चुके हैं। सिकंदरा की गलियों में जब वे निकलते हैं तो महिलाएं द्वार पर आकर आशीर्वाद देती हैं, बच्चे हाथ हिलाकर उनका स्वागत करते हैं — यह दृश्य बताता है कि जनता किस हद तक उनके साथ खड़ी है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बार सिकंदरा की लड़ाई केवल चुनावी नहीं बल्कि जनता के सम्मान और विश्वास की लड़ाई है। और इस लड़ाई में जनता खुलकर उदय नारायण चौधरी के साथ दिख रही है।

सिकंदरा विधानसभा चुनावी परिणाम (2005–2020)

चुनाव वर्ष विजेता उम्मीदवार पार्टी वोट (≈) % वोट प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी वोट (≈) % वोट टिप्पणी

2005 (Oct) रमेश्वर पासवान JD(U) 38,060 — प्रयाग चौधरी RJD 22,695 — NDA लहर, नीतीश प्रभाव
2010 रमेश्वर पासवान JD(U) 39,829 38.36% सुभाष चंद्र बोश LJP 27,468 26.46% जेडीयू की लगातार दूसरी जीत
2015 सुधीर कुमार INC 59,092 42.66% सुभाष चंद्र बोश LJP 51,102 36.89% महागठबंधन लहर, कांग्रेस की वापसी
2020 प्रफुल कुमार मांझी HAMS 47,061 30.67% सुधीर कुमार INC 41,556 27.09% मुकाबला त्रिकोणीय, HAMS की अप्रत्याशित जीत

 वोट प्रतिशत ट्रेंड (2005–2020)

(विजेता उम्मीदवारों का प्रदर्शन)

50% ┤
| █
40% ┤ █ █
30% ┤ █ █
20% ┤
10% ┤
2005 2010 2015 2020

JD(U) → 2005, 2010
INC → 2015
HAMS → 2020

 ट्रेंड एनालिसिस (संक्षेप में):

2005–2010: जेडीयू के रमेश्वर पासवान का लगातार दबदबा।

2015: कांग्रेस ने महागठबंधन लहर में वापसी की।

2020: हम (HAMS) ने बाजी मारी, जिससे पारंपरिक समीकरण बदले।

2025: सीट फिर से कड़ी टक्कर की ओर, राजद के उदय नारायण चौधरी के आने से समीकरण पूरी तरह बदलने की उम्मीद।

नतीजा:

सिकंदरा की धरती पर इस बार जनता के शब्दों में सिर्फ वोट नहीं है — वहां उम्मीदें, यादें और भरोसा भी जुड़े हैं। और जब भी चुनाव की शतरंज चलती है, उसी भरोसे-कॉल का असर विजयी-प्रत्याशी की दिशा तय कर देता है। उदय नारायण चौधरी पर जो भावनात्मक लगाव अब बन रहा है, वह स्थानीय काम-काज और वर्षों के जनसम्पर्क का निहित परिणाम है — और यही कारण है कि जनता उनका समर्थन ज़ोर-शोर से कर रही है।

सिकंदरा
राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी सिकंदरा विधानसभा 240
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