Leap Year 2024: हर चार साल में फरवरी महीने में 28 दिन की जगह 29 दिन का आखिर क्यों होता है। सामान्य तौर पर जिन्हे हम लीप ईयर कहते है। हर चार साल बाद लीप वर्ष (Leap Year) आता है। लीप ईयर उन लोगों के लिए बेहद खास होता है, जिनका जन्म 29 फरवरी को हुआ होता है, क्योंकि उनका जन्मदिन हर चार साल में एक बार आता है। तो आइए जानते लीप ईयर के बारे में खास बातें…
जानिए क्या होता है लीप ईयर?
लीप ईयर होने का कारण एक खगोलीय घटना को माना जाता है। हम सभी को पता है कि धरती अपनी धुरी पर सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। 365 दिन और 6 घंटे में धरती एक बार परिक्रमा करती है। हालांकि 6 घंटे दर्ज नहीं होते हैं। इसकी वजह से हर 4 साल में इन 6-6 घंटे की अवधि को जोड़ा जाता है, जिससे 24 घंटे का एक पूरा दिन होता है।
इसका परिणाम है कि हर चार साल में फरवरी का महीना एक दिन बढ़ता है और उस साल का कैलेंडर 366 दिन का होता है। इसलिए, हर चार साल में फरवरी में एक दिन अधिक होता है और उसे लीप ईयर कहा जाता है।
फरवरी में क्यों होता है लीप ईयर?
यह सवाल उठता है कि आखिर अधिक दिन केवल फरवरी में ही क्यों? और इसे दूसरे महीने में क्यों नहीं जोड़ा गया? यह जूलियन कैलेंडर जिसमें साल का पहला महीना मार्च और आखिरी महीना फरवरी होता था, की एक विशेषता थी। इसके कारण फरवरी में हमेशा एक दिन जोड़ा जाता था।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के आने पर, जनवरी हो गया पहला महीना और फरवरी दूसरा। फिर भी, फरवरी में ही अधिक दिनों को जोड़ना जारी रहा। इसका कारण यह भी था कि फरवरी हमेशा सबसे छोटा महीना रहता है।
कैसे पता चलता है कि लीप ईयर है?
लीप ईयर की गणना आसान है! जब साल को 4 से भाग करें और शेष जीरो हो, तो वह साल लीप ईयर होता है। उदाहरण के लिए, साल 2000 लीप ईयर था क्योंकि उसे 4 से भाग करने पर शेष जीरो आता है। ऐसा ही है साल 2024 के साथ, जिसमें भी यह नियम लागू होता है। इस प्रकार, साल 2024 के बाद 2028, 2032 भी लीप ईयर की श्रेणी में आएगी ।
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