Election EVM Facts : लोक सभा चुनाव आने वाले है और चुनाव की तारीख भी अभी घोषित हो चुकी है इस बीच चुनाव में किए गए वोटों की गिनती को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं. हालांकि EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) ने वोटों की गिनती को काफी हद तक आसान बना दिया है. लेकिन EVM मशीन में पड़े वोटों के रिजल्ट को VVPAT सिस्टम के रिजल्ट से भी कंपेयर किया जाता है. ऐसे में मन में सवाल आता है कि अगर दोनों के आंकड़ों में अंतर आए तो EVM और VVPAT में से किसे सही माना जाएगा?
कैसे होती है EVM में वोटों की गिनती
चुनाव आयोग के निर्देशन में, मतदाता EVM मशीन का उपयोग करते हैं अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट देता है। एक बार मतदान समाप्त होने पर, प्रत्येक राउंड में 14 EVM मशीनों पर वोटों की गिनती की जाती है। गिनती के पश्चात परिणामों को जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ होती है और उन्हें ब्लैक बोर्ड पर नोट किया जाता है।
क्या है VVPAT सिस्टम
2013 से मतदान की प्रक्रिया में VVPAT को जोड़ दिया गया, जिससे उम्मीदवारों के नाम और चुनावी चिन्हों वाले पेपर स्लिप तैयार होते हैं। इससे मतदाताओं को पूरी पारदर्शिता मिलती है, और वह यह जान सकते हैं कि उनके दिए गए वोट को सही ढंग से गिना गया है या नहीं। इससे चुनाव प्रक्रिया में मतदाताओं का भरोसा मजबूत होता है।
परिणाम अलग होने पर क्या होता है?
जब गिनती के समय VVPAT पर्चियों और EVM के वोटों के परिणाम में अंतर होता है, तो अंतिम निर्णय के लिए VVPAT पर्चियों को महत्व दिया जाता है। वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन एक सुरक्षित काउंटिंग बूथ में किया जाता है, जहां केवल अधिकृत कर्मचारियों की पहुंच होती है। इस प्रक्रिया में VVPAT की संख्या को अंतिम मंजूरी दी जाती है, जिससे निर्वाचन क्षेत्र के लिए सही और निष्पक्ष परिणाम घोषित किया जा सकता है।
डेटा रखा जाता है सुरक्षित
वोटों की गिनती के बाद, डेटा को कंट्रोल यूनिट मेमोरी सिस्टम में सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है, जो डिलीट होने तक सुरक्षित रहता है। गिनती की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर की होती है, जो सुनिश्चित करते हैं कि वोटों की संख्या सही हो। यह जिम्मेदारी चुनाव अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की होती है, जो इसका निगरानी करते हैं।