गर्मियों के राजा आम, आमो के कई किस्मों जो स्वाद में है बेजोड़ – जानें आमो की विभिन्न प्रजातियों के बारे में ..
गर्मी का मौसम आते ही आम का मौसम भी शुरू हो जाता है। इस मौसम में आम का स्वाद सभी को बहुत भाता है। पूरे भारत में आम की सैकड़ों किस्में पाई जाती हैं, लेकिन हम बाजार में केवल कुछ ही किस्में देख पाते हैं। आज हम आपको आम की कुछ ऐसी अनोखी किस्मों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में शायद आपको पता हो…
आम न सिर्फ स्वाद में बेमिसाल होते हैं, बल्कि हर किस्म का अपना एक खास इतिहास और पहचान देती है। इन प्रजातियों में से कई तो अपने विशेष स्वाद, रंग, और आकार के लिए जानी जाती हैं। आइए, जानते हैं आम की इन खास और अनदेखी किस्मों के बारे में।
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अनुमान के अनुसार, भारत में आम की लगभग 1500 से भी अधिक किस्में पाई जाती हैं। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, हर राज्य में जहां की जलवायु के अनुसार आम की विभिन्न प्रजातियाँ होती हैं। हर प्रजाति का अपना अलग स्वाद और विशेषता होती है, जो उन्हें खास बनाती है। हर क्षेत्र का आम अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है, जो स्वाद में बेजोड़ होते हैं।

दशहरी आम
दशहरी आम खासतौर पर उत्तर प्रदेश में उगाया जाता है। माना जाता है कि इस किस्म की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के दशहरी गांव से हुई थी। दशहरी आम की विशेष पहचान मलिहाबादी दशहरी के रूप में होती है, जिसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है। यह आम अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण दुनियाभर में निर्यात किया जाता है।

चौसा आम
चौसा आम बिहार और उत्तर प्रदेश, दोनों ही जगहों पर खूब पाया जाता है। कहा जाता है कि 16वीं सदी में शेरशाह सूरी ने इस अनोखे आम को लोगों से परिचित कराया था। उत्तर प्रदेश के हरदोई में चौसा आम की सबसे अधिक पैदावार होती है। इस आम की खासियत इसका अत्यधिक मीठा स्वाद है, जो इसे और भी खास बनाता है।

तोतापुरी आम
तोते के आकार वाला यह आम, जिसे तोतापुरी आम कहा जाता है, स्वाद में हल्का खट्टा-मीठा होता है। मुख्य रूप से यह आम दक्षिण भारत में पाया जाता है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तोतापुरी आम की पैदावार सबसे अधिक होती है। खासकर अचार बनाने के लिए तोतापुरी आम का ही उपयोग किया जाता है, जो इसे विशेष रूप से लोकप्रिय बनाता है।

अल्फांसो आम
महाराष्ट्र में उगने वाला हापुस आम, जिसे अल्फांसो के नाम से भी जाना जाता है, देश में सबसे अधिक पसंद किया जाता है। महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक और गुजरात में भी हापुस आम की पैदावार होती है। यह आम की सबसे महंगी किस्म है जो अपनी मिठास और खुशबू के लिए प्रसिद्ध है।
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हिमसागर आम
हिमसागर आम पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बहुत लोकप्रिय है। यह आम न केवल मीठा होता है, बल्कि इसका वजन भी काफी होता है, एक आम का वजन 250 से 300 ग्राम तक होता है। इस आम को पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इतना प्यार मिला है कि इस पर कई गाने और कविताएं भी लिखी गई हैं, जो इसे और भी खास बनाते हैं।

लंगड़ा आम
उत्तर प्रदेश के शहर काशी का लंगड़ा आम जिसको हाल ही में इस आम को जीआई टैग भी मिला है। यह आम जुलाई से अगस्त के बीच ही मिलता है। लंगड़ा आम का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि जिस साधु ने पहली बार इस आम के दो पौधे लगाए थे, उसके पैर नहीं थे। अंडाकार आकार और पकने के बाद भी हरे रंग का बने रहने वाला यह आम अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है।

रसपुरी आम
कर्नाटक के ओल्ड मैसूर से संबंध रखने वाला यह आम महारानी के दर्जे से सम्मानित है। रसपुरी आम को विशेष रूप से जैम और स्मूदी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो इसके स्वाद और रसीलेपन को दर्शाता है।

बायगनपल्ली आम
अल्फांसो की तरह दिखने वाला बायगनपल्ली आम आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के बांगनापल्ली इलाके में सबसे अधिक पाया जाता है। यह अंडाकार आम स्वाद में बेहद मीठा होता है और इसकी लंबाई लगभग 14 सेंटीमीटर होती है, जो इसे खास बनाती है।

सिंधुरा आम
खट्टा मीठा आम है। पकने के बाद यह आम बहुत मीठे और रसीले होते हैं। सिंधुरा आम को भी शेक या पल्प बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। सिंधूरा आम बाहर से लाल रंग का होता है, जबकि अंदर से सुर्ख पीले रंग के होते हैं।
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By: KP
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