Govardhan Puja 2024 : दीपोत्सव का त्योहार पांच दिनों तक मनाया गया, जिसमें 29 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर तथा 1 नवंबर को दीपावली मनाई गई। इसके बाद आता है गोवर्धन पूजा, जो प्रकृति और मानवता के बीच संबंध को दर्शाता है। यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है और इसे अन्नकूट भी कहते हैं।
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा की तिथि
इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 को होगी। यह दिन दिवाली के अगले दिन पड़ता है।
गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है
एक प्राचीन कथा के अनुसार, जब देवराज इंद्र ने गोकुल में भारी बारिश शुरू की, तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धनपर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों को बचाया। इस प्रकार उन्होंने दिखाया कि प्रकृति कितनी महत्वपूर्ण है और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए।
क्या है अन्नकूट
इस दिन गोकुलवासियों ने भगवान श्रीकृष्ण का आभार जताने के लिए गोवर्धन पर्वत की पूजा की। उन्होंने इसे छप्पन भोग अर्पित करने की परंपरा शुरू की, जिसे अन्नकूट कहा जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार की सब्जियां, पूड़ी, खिचड़ी और अन्य व्यंजन शामिल होते हैं।
गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धनपूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन हम प्राकृतिक संसाधनों, जैसे पर्वत, गाय और गोबर की पूजा करते हैं। यह परंपरा हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति के प्रति जागरूक करने में मदद करती है। गोवर्धन पर्वत की पूजा और परिक्रमा का भी खास महत्व होता है।