AVN News Desk New Delhi: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही देशभर में सियासी दल आंतरिक बैठक कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की और राहुल गांधी की संसदीय सीट को लेकर फैसला किया। बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। इस मीटिंग में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि हम सबने बैठक में यह तय कर लिया है कि राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट अपने पास रखेंगे, क्योंकि रायबरेली पहले से भी उनके काफी नजदीक रही है। उस परिवार के साथ जुड़ाव है और पीढ़ियों से वहां से लड़ते आए हैं। इसलिए वहां के लोगों और पार्टी के लोगों का भी कहना है कि वह रायबरेली की लोकसभा सीट अपने पास रखें। वायनाड के लोगों का प्यार भी राहुल को मिला है। वे लोग चाहते हैं कि राहुल वायनाड में ही रहें, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इसलिए वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी।
वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने पर क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल ने कहा कि उनके लिए यह एक मुश्किल फैसला था क्योंकि रायबरेली और वायनाड, दोनों से उनका भावनात्मक लगाव है। उन्होंने कहा, ‘‘वायनाड से सांसद के तौर पर पिछले पांच साल बहुत शानदार और सुखद अनुभव वाले रहे हैं। वायनाड के लोगों ने मुझे बहुत कठिन समय में लड़ने के लिए समर्थन और ऊर्जा दी है। मैं इसे कभी भी नहीं भूलूंगा। ‘उन्होंने कहा, ‘‘मैं वायनाड का दौरा करना जारी रखूंगा और वायनाड से किये गए वादे पूरे किए जाएंगे।’ और वही राहुल गांधी ने आगे कहा है कि रायबरेली और वायनाड को ‘दो-दो सांसद मिलेंगे।” उन्होंने कहा, ‘रायबरेली से मेरा पुराना नाता है और मुझे बहुत खुशी है कि मैं इसका प्रतिनिधित्व करूंगा। यह कोई आसान फैसला नहीं था, क्योंकि मेरा लगाव दोनों (वायनाड और रायबरेली) से है।’
पहली बार लोकसभा चुनावी मैदान में उतरने पर आया प्रियंका गांधी का बयान
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा है कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। वायनाड का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात होगी। मैं एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की कोशिश करुंगी। और रायबरेली से मेरा पुराना रिश्ता है और मैंने रायबरेली और अमेठी के लिए काफी काम किया है। मैं भैया की मदद रायबरेली में भी करुंगी। हम दोनों ही वायनाड और रायबरेली में एक-दूसरे की मदद भी करेंगे।
प्रियंका गांधी का व्यक्तिगत जीवन
प्रियंका गांधी वाड्रा भारत की राजनीति में प्रभाव रखने वाले नेहरू-गांधी परिवार की सदस्य हैं. वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी की बेटी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहन और फिरोज और इंदिरा गांधी की पोती हैं. वह देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू उनके नाना थे. वही प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ था. वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं. उन्होंने 1997 में व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा से शादी की थी. दोनों के दो बच्चे हैं- एक बेटा और एक बेटी.
प्रियंका गांधी ने 1984 तक अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल में की है. इसके बाद, सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों को दिल्ली के डे स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था. तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, लगातार आतंकी धमकियों के कारण, उन्हें और उनके भाई राहुल गांधी दोनों को घर पर ही शिक्षा दी गई थी. और बाद में उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की. प्रियंका ने दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है और बाद में 2010 में बुद्धिस्ट स्टडीज में मास्टर डिग्री प्राप्त की है.
कांग्रेस आलाकमान की यह बैठक राहुल गांधी के रायबरेली या वायनाड सीट छोड़ने पर मची संदेह को लेकर आयोजित की गई थी। इस मीटिंग में सत्र में कांग्रेस की रणनीति को लेकर भी चर्चा होने की पूरी संभावना है।