Lok sabha 2024 : लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा हो चुकी है भारत में चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम शर्ते बना रखे हैं. और हर उम्मीदवारों को इनका पालन करना जरूरी है. इन्हीं में से एक नियम है जमानत की राशि का, जिसे हर प्रत्याशी जमा कराता है. इस लेख के जरिए हम यह जानेंगे की आखिर किस परिस्तिथियों में उम्मीदवारों को चुनाव के बाद जमानत की राशि मिलती है ?

जमानत की राशि वापस की शर्ते

1. अगर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची में नहीं दिखाया गया है, अर्थात, या तो उसका नामांकन खारिज कर दिया गया था या उसके नामांकन स्वीकार किए जाने के बाद, अपनी उम्मीदवारी खुद वापस ले ली है।

2. उम्मीदवार की मतदान शुरू होने से पहले मृत्य हो जाने पर

3. वह चुनाव जीत जाता है; या

4. वह निर्वाचित नहीं है, लेकिन चुनाव में सभी उम्मीदवारों द्वारा मतदान किए गए कुल वैध मतों में से 1/6 से अधिक प्राप्त करता है।

जमानत की राशि

5. यदि उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है लेकिन वह कुल वैध मतों के 1/6 मत प्राप्त नहीं कर पाता है तो भी उसकी जमानत राशि वापस कर दे जाती है।

हमारे देश में ऐसे कई मामले आ चुके हैं जब व्यक्ति कुल मतों का 1/6 मत भी प्राप्त नहीं कर पाता है तो भी उसे जीता हुआ माना जाता है क्योंकि उसने ज्यादा वोट प्राप्त किये होते हैं।

नोट: यदि उम्मीदवार ने कुल वैध मतों की कुल संख्या का ठीक 1/6 वां हिस्सा प्राप्त कर लिया हो, तो भी जमानत जब्त मानी जाती है।

सारांशत : चुनाव आयोग देश में सही तरीके से चुनाव कराने की दिशा में कई कदम उठाया जाता है. इनमें से ही एक उपाय चुनाव के पहले जमा की गई जमानत राशि होती है। इस राशि को इसलिए जमा कराया जाता है ताकि केवल सीरियस उम्मीदवार ही चुनाव लड़ें। लेकिन चुनाव आयोग का यह कदम काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जमानत की राशि बहुत ही कम होती है और उम्मीदवार अपना नामांकन कर देते हैं, और बाद में किसी अन्य पार्टी से पैसे लेने के बाद अपना पर्चा वापस ले लेते हैं।

आखिर क्या होता है चुनाव में “जमानत जब्त” होने का मतलब

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