AVN News Desk New Delhi: देशभर में लोकसभा चुनाव की हवा चल रही है। सभी पार्टियां अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर रही हैं। इस बीच मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस बार कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर में जेएनयू के प्रोफेसर और पूर्व विधायक पर दांव खेला है। इनर मणिपुर सीट से जेएनयू के प्रोफेसर अंगोमचा बिलोल अकोइजाम को मैदान में उतारा है, जबकि आउटर मणिपुर सीट से पूर्व विधायक अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर को प्रत्याशी घोषित किया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के.वेणुगोपाल ने अपने बयान में कहा है कि यह फैसला कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा लिया गया है।
जेएनयू (JNU) के प्रोफेसर अंगोमचा बिलोल को टिकट
कांग्रेस पार्टी ने इनर मणिपुर सीट से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू ) के प्रोफेसर अंगोमचा बिलोल अकोइजाम को प्रत्याशी घोषित किया है। डॉ.अंगोमचा बिलोल लंबे समय से सार्वजनिक मुद्दों और लोकतांत्रिक आंदोलनों में अक्सर शामिल रहे हैं। उन्हें अक्सर अधिकारों और शासन से जुड़े मुद्दों पर ही बोलते हुए देखा गया है। डॉ.अकोइजाम ने जीवन भर अध्यापन के बाद राजनीति में कदम रखा है।

कौन हैं अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर?
कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर को आउटर मणिपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है। आर्थर नागा बहुल जिले उरखुल से आते हैं। आप को बता दें कि आउटर मणिपुर सीट से बीजेपी समर्थित नागा पीपुल्स फ्रंट ने पूर्व भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी टिमोथी जिमिक को टिकट दी है। अब आउटर मणिपुर सीट पर अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर और टिमोथी जिमिक के बीच मुकाबला होगा।
इनर मणिपुर सीट से किसे टिकट देगी भाजपा?
इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस सीट पर मौजूदा सांसद आरके रंजन, भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी और राज्यसभा सांसद एल सनाजाओबा के नामों पर चर्चा चल रही है।
मणिपुर में दो चरणों में मतदान
मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। 19 अप्रैल को पहले चरण में इनर मणिपुर और आउटर मणिपुर सीट के कुछ क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके बाद 26 अप्रैल को दूसरे चरण में आउटर मणिपुर के बाकी बचे क्षेत्रों में मतदान होगा।
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भी होगा मतदान और देशभर है इसकी चर्चा
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पहले भी बता चुके हैं कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शिविरों में रहने वाले लोगों को भी मतदान करने की अनुमति दी जाएगी। आप को बता दें कि पिछले साल मई से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष हुआ था। और अभी भी बादस्तूर जारी है ये वही मणिपुर है जहा महिला को निर्वस्त्र परेड कराया गया वो भी जब की देश के यशवी प्रधानमंत्री कहे जाने वाले और हमेशा नारी शक्ति की बाते करते मगर हमारे पीएम जी को देश और विदेश का का दौरा करने का समय मिला लेकिन एक बार भी ना तो मणिपुर गए और न ही वहा का हालात का जायजा लिया इसी पर शंका होता है की कथनी और करनी में फ़र्क होता। उनके जीवन का एक ही मकसद है चुनाव सिर्फ चुनाव और मणिपुर हिंसा के इस संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई है।