AVN News Desk New Delhi: हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की जगह कुरुक्षेत्र से सांसद नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में अनिल विज नहीं पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक अनिल विज नाराज हैं। मनोहर लाल सरकार में सीएम और डिप्टी सीएम के बाद विज सबसे मजूबत मंत्री थे। उनके पास सबसे अधिक विभागों की जिम्मेदारी थी। मगर पिछले कार्यकाल में मनोहर लाल और अनिल विज के बीच सबकुछ ठीक नहीं था। बीजेपी जितनी मर्जी ऑल इज वेल का दम भर ले मगर सब कुछ वैल नही है। उधर, पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि अनिल विज की नाराजगी दूर हो जाएगी। उधर, अंबाला में अनिल विज अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ गोलगप्पे का आनंद लेते हुए दिखे थे।
हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने राजनीति
हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने राजनीति की शुरुआत छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी। 1970 में अनिल विज को एबीवीपी का महासचिव बनाया गया था। साल 1990 में सुषमा स्वराज राज्यसभा की सदस्य चुनीं गई थीं। इसके बाद अंबाला कैंट विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर उपचुनाव होना था। अनिल विज ने चुनाव लड़ने की पेशकश की। इसके लिए उन्होंने एसबीआई की नौकरी भी छोड़ दी।
किस्मत ने साथ दिया और पहली बार विधायक बन हरियाणा विधानसभा पहुंचे। 1991 में अनिल विज को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। 1996 और 2000 में अनिल विज ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत दर्ज की। हालांकि 2005 में विज को हार का सामना करना पड़ा। 2009, 2014 और 2019 में विज ने भाजपा की टिकट पर चुनाव जीता। मनोहर लाल के दोनों कार्यकाल में ताकतवर मंत्री बने।
