AVN News Desk New Delhi: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से किसान आंदोलन खड़ा हो सकता है। पंजाब व हरियाणा के किसान राजधानी दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस को इस तरह के इनपुट मिले हैं। इन इनपुट के बाद से ही दिल्ली पुलिस सकते में आ गई है। बैठकों को दौर शुरू हो गया है। एक दिन पहले ही दिल्ली पुलिस के दोनों विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) ने सभी जिला डीसीपी की बैठक बुलाई थी। दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय से अतिरिक्त फोर्स मांगी है ताकि किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया जाए।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि सुरक्षा एजेंसियों ने इनुपट दिए हैं कि किसान 13 फरवरी को दिल्ली की ओर कूच कर सकते है। हरियाणा व खासकर पंजाब के किसान दिल्ली में पहले जैसा ही किसान आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, यह पता नहीं है कि कितनी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे। इतना ही बताया गया है कि भारी संख्या में किसान राजधानी दिल्ली आएंगे। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये 10 व 11 फरवरी को ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितनी संख्या में किसान राजधानी दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
इनपुट मिलने के बाद से ही दिल्ली के दोनों विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) रविंद्र कुमार यादव व मधुप तिवारी ने एक दिन पहले ही सभी जिला पुलिस उपायुक्त व उनके ऊपर के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक करीब डेढ़ घंटे चली थी। इस बैठक में जिला पुलिस उपायुक्त को कहा गया है कि वह सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करें। राजधानी दिल्ली के सीमाओं पर बैरिकेड लगाकर भारी संख्या में पुलिसकर्मी को तैनात करने के आदेश भी दिए गए हैं। साथ ही इलाके में गश्त बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। पुलिस स्टेशनों में तैनात सभी पुलिसकर्मी को बुलाने का कहा है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी भी रद्द करने के आदेश दिए गए हैं।
5 नवंबर 2020 को ही शुरू हुआ था किसानों का पहला आंदोलन
पहला किसान आंदोलन 5 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था। पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो का नारा दिया था। इस बार भी पहले किसान से यही नारा दिया है। दिल्ली पुलिस ने संगठनों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी है। 29 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इन कानूनों और अपनी सरकार को कृषि व किसान हितैषी बताया था, लेकिन किसान बिलकुल भी सहमत नहीं हुए और फिर 3 दिसंबर 2020 पहली बार सरकार और किसानों के बीच बैठक हुई जो कि बेनतीजा रही थी।
5 दिसंबर को भी दूसरे दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला। 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का भी आयोजन किया था। 30 दिसंबर 2020 को सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत में भी कुछ प्रगति हुई क्योंकि केंद्र ने किसानों को पराली जलाने के जुर्माने से छूट देने और बिजली संशोधन विधेयक, 2020 में बदलाव को छोडऩे पर सहमति भी व्यक्त की थी। 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी और सभी हितधारकों को सुनने के बाद कानूनों पर सिफारिशें करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया था।
तीन सीमाओं से किसानों के राजधानी दिल्ली में आने की आशंका
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार किसान टीकरी, सिंघु बॉर्डर व एनएच-24 से आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में इन तीनों बॉर्डरों पर सुरक्षा अभी से ही बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ पुलिस आने-जाने वालें पर कड़ी नजर भी रख रही है। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है।
