AVN News Desk New Delhi : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा के वर्तमान भाजपा विधायक रामदुलार सिंह गौड़ को एक नाबालिग लड़की से रेप के जुर्म में दोषी पाया गया है. जिला अदालत के आदेश के बाद उन्हें गिरफ्तार करके तुरंत जेल भेज दिया गया है. इस मामले में 15 दिसंबर को सजा का ऐलान किया जाएगा, जो कि उम्रकैद तक हो सकता है.

भाजपा एक तरफ तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के चौंकाने वाले नाम देकर सुर्खियों में है, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश से निराश करने वाली एक खबर सामने आ रही है. यहां भाजपा के एक विधायक को नाबालिग से रेप के जुर्म में कोर्ट ने दोषी ठहराया है. उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा के वर्तमान भाजपा विधायक रामदुलार सिंह गौड़ को दोषी मानते हुए तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया है. पुलिस उन्हें गिरफ्तार (अरेस्ट) करके थाने ले गई है. इस मामले में 15 दिसंबर को सजा का ऐलान किया जाएगा.

नाबालिग से रेप मामले में बीजेपी विधायक दोषी करार

मिली जानकारी के मुताबिक, नाबालिग से रेप की ये वारदात साल 2014 में हुई थी. उस वक्त रेप (Rap) के दोषी रामदुलार सिंह गौड़ की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थी. प्रधानपति होने की वजह से रामदुलार सिंह गौड़ की गांव में खूब दबंगई थी. पीड़िता के भाई के अनुसार 4 नवंबर 2014 को शाम 7 बजे उसकी बहन रोती रोती हुई घर आई थी. परिजनों ने जब रोने की वजह पूछी तो काफी देर बाद उसने बताया है कि रामदुलार गौड़ ने उसका बलात्कार (रेप) किया है. इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने थाने में गौड़ के खिलाफ सिक्यात्त दी थी.

पहले रेप का ये केस जिला अदालत में चल रहा था, लेकिन रामदुलार सिंह गौड़ के विधायनक बन जाने के बाद इसे एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है. यहां चली लंबी सुनावाई के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (Additional District Judge) (प्रथम) एमपी/एमएलए कोर्ट एहसान उल्लाह खान ने विधायक को रेप केस में दोषी पाया है. विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया है कि कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय करते हुए बीजेपी विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

पॉस्को एक्ट से बचने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया था

आरोप है कि भाजपा विधायक रामदुलार सिंह गौड़ ने पॉस्को एक्ट से बचने के लिए पीड़िता का फर्जी स्कूल सर्टिफिकेट बनवाया था. उन्होंने अपने रसूख (Influence) के दम पर स्कूल सर्टिफिकेट में उसकी जन्मतिथि बढ़ा दी थी, ताकि उसे बालिग साबित किया जा सके. लेकिन पीड़ित (Victim) पक्ष ने उसकी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए कोर्ट को सच बता दिया था. इसके बाद स्कूल के प्रधानाचार्य को तलब करके कोर्ट ने असली सर्टिफिकेट सामने रखने को कहा गया था. विधायक की इस हरकत की वजह से उनका केस कोर्ट में और कमजोर हो गया.

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