Happy Vijay Dashmi 2023 : पूरे भारत में बहुत ही उत्साह से मंगलवार (24 अक्टूबर) को दशहरा मनाया जा रहा है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 पहुंचे, जहां वह रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए. द्वारका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले पूजा अर्चना की. वह मुख्य अतिथि के रूप में दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए.
इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा है कि भगवान राम की जन्मभूमि पर बन रहा मंदिर सदियों की प्रतीक्षा के बाद हम भारतीयों के धैर्य को मिली विजय का प्रतीक है.
“जल्द ही बनेगा भगवान राम मंदिर”
उन्होंने कहा है कि, ” भव्य राम मंदिर के निर्माण में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं. जल्द ही राम मंदिर में भगवान श्री राम की मूर्ति विराजमान होगी. आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम (सुंदर) मंदिर बनता देख पा रहे हैं. अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजने वाला हर स्वर, पूरे विश्व को हर्षित (Joyful) करने वाला होगा.”
“अहंकार पर विनम्रता की विजय का पर्व है : पीएम मोदी”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि, “विजयादशमी का ये पर्व, अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है. विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है. भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है.”
“चंद्रमा पर हमारी विजय को अभी 2 महीने पूरे हुए है”
उन्होंने कहा है कि हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और INS विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं. हम श्रीराम की मर्यादा को भी जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं. चंद्रयान-3 को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि, “इस बार हम विजयादशमी ऐसे समय मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को 2 महीने पूरे हुए हैं.”
“क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने वालों का हो दहन”
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, ”हमें ध्यान रखना है कि आज रावण दहन के दिन सिर्फ पुतले का दहन न हो. ये दहन हर उस विकृति का दहन हो जिसके कारण समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता जा रहा है. आज हमें समाज में बुराइयों और भेदभाव के अंत का संकल्प लेना चाहिए.”
उन्होंने और कहा है कि, ”ये दहन हो जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करते हैं. विजयादशमी का पर्व सिर्फ रावण पर राम की विजय का पर्व नहीं है, राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति की विजय का पर्व बनना चाहिए.”