Rithala fire news: दिल्ली के रिठाला मेट्रो स्टेशन के नज़दीक 500 झुग्गियां जलकर खाक, 8 घंटे के बाद आग पर काबू..
दिल्ली के रिठाला मेट्रो स्टेशन के नज़दीक स्थित एक झुग्गी-बस्ती में शुक्रवार देर रात (रात 10:56 पर) भीषण आग लग गई।
- यह आग मेट्रो स्टेशन और दिल्ली जल बोर्ड के बीच स्थित ‘बंगाली बस्ती’ नामक झुग्गी-क्षेत्र में शुरू हुई।
- आग ने लगभग 500 झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया और अधिकांश झुग्गियां जलकर खाक हो गईं।
- विभाग के अनुसार कुल 29 दमकल गाड़ियाँ तैनात की गई थीं, जिनके द्वारा काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
- इस घटना में कई लोगों को आग से घायल जिसमे एक बच्चा भी घायल हुआ है और एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ, घायल व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- आग पर करीब 8 घंटे के बाद काबू पाया गया, शनिवार सुबह 6:55 बजे आग पर काबू पाया जा सका।
- आग लगने का कारण फिलहाल पुष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट में एलपीजी सिलेंडरों के फटने तथा शॉर्ट-सर्किट की संभावना जताई गई है।
प्रभावित हिस्सा और परिस्थितियाँ
- झुग्गी-बस्ती घनी आबादी वाला इलाका था, जहां झोपड़ियाँ बहुत करीबी में बनी थीं, जिससे आग तेजी से फैल गयी।
- सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने कई गाड़ियाँ भेजीं, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर थी कि आग पर तुरंत नियंत्रण नहीं हो पाया।
- आग लगने के बाद निवासियों में अफरा-तफरी मची। लोगों को अपना सामान निकालने का भी पर्याप्त समय नहीं मिला।
- लोकेशन के कारण – मेट्रो स्टेशन के पास, जल बोर्ड के पास – पहुंचने और कंट्रोल करने में कुछ चुनौतियाँ सामने आईं।
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प्रतिक्रिया एवं राहत कार्य
- दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) ने बताया कि आग को मध्यम श्रेणी की घोषित किया गया था और पर्याप्त संसाधन भेजे गए।
- स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस ने घेराबंदी की और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम शुरू किया।
- हालाँकि रक्षा-उपाय चल रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं और उनकी स्थिति अभी अस्थिर है।
कारणों का अनुमान और सुरक्षा-चिंताएं
- प्रारंभिक जांच में एलपीजी सिलेंडरों के फटने तथा शॉर्ट-सर्किट को कारण माना गया है।
- ऐसे झुग्गी-क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा संसाधनों की कमी, निकासी मार्गों की कमी तथा घनी बस्ती होने के कारण जोखिम बहुत बढ़ जाता है।
- इस घटना ने एक बार फिर झुग्गियों-झोपड़ियों में रहने वालों की सुरक्षा, अग्नि-नियंत्रण एवं आपातकालीन निकासी व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं।
आगे की चुनौतियाँ
- प्रभावित लोगों को तत्काल राहत, अस्थाई आवास एवं मूल-भूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना अब बड़ी चुनौती है।
- आग में सम्पत्ति-हानि के बाद पुनर्वास योजनाओं को तेजी से लागू करना होगा।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए झुग्गी-बस्तियों में अग्नि-सुरक्षा मानकों का पालन, निष्पाप गैस सिलेंडरों का सुरक्षित प्रयोग एवं निकासी रास्तों का निर्माण जरूरी है।
- प्रशासन को इन बस्तियों की नियमित जांच, जोखिम-मूल्यांकन और आपातकालीन तैयारियों को सुनिश्चित करना होगा।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कट-किनारे रहने वालों की सुरक्षा कितनी कमसज़ोर हो सकती है। लगभग 500 झुग्गियों का जलकर खाक होना और कई अन्य घायल होने का मामला हमें यह याद दिलाता है कि अब जिम्मेदारी है कि प्रशासन, नागरिक समाज एवं स्थानीय समुदाय मिलकर ऐसी स्थितियों को दोबारा न होने दें।
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Note:
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