History of Yoga Day : योग एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। यह न सिर्फ स्वास्थ्य सुधारता है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और साहस भी बढ़ाता है।
योग दिवस की शुरुआत
योग से सेहत के फायदे
- शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है
- मन को शांत और एकाग्र करता है
- बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है
- रोज़ाना योग करने से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
योग के महत्व को दुनिया तक पहुँचाने के लिए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी को योग के फायदे बताना और इसे रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाना है।
♂️ योग की शुरुआत कैसे हुई?
पुराणों के अनुसार, योग का पहला ज्ञान भगवान शिव ने अपने सात शिष्यों को दिया था। इन सात ऋषियों को बाद में सप्तऋषि कहा गया। यह दीक्षा ग्रीष्म संक्रांति के बाद की पूर्णिमा को दी गई थी।
योग दिवस का प्रस्ताव कैसे आया?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। उनका कहना था कि योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि मन और शरीर को जोड़ने का विज्ञान है।
️ सिर्फ 3 महीनों में मिला समर्थन
मोदी जी के प्रस्ताव को UN ने सिर्फ 90 दिनों में मंज़ूरी दे दी। और 11 दिसंबर 2014 को पूरे 193 देशों में से सभी 175 देशों ने इसका समर्थन किया।
यह UN के इतिहास में अब तक का सबसे तेज़ और सबसे बड़ा समर्थन था।
पहली बार योग दिवस कब मनाया गया?
UN से प्रस्ताव पास होने के बाद पहली बार 21 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
इसे पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर मनाया गया। भारत में दिल्ली के राजपथ में लगभग 35,000 से अधिक लोगों ने एक साथ योग किया।
इस आयोजन में 84 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे।
☀️ 21 जून को ही क्यों?
21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है।
इस दिन सूर्य की ऊर्जा सबसे अधिक होती है।
योग में इस दिन को संक्रमण काल माना जाता है, जो योग अभ्यास के लिए बहुत लाभकारी होता है।
निष्कर्ष
योग केवल व्यायाम नहीं, एक जीवन जीने की कला है।
हर दिन थोड़ा समय निकालकर योग करें और शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शांति पाएं।
21 जून को मनाया जाने वाला योग दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वास्थ्य ही असली धन है।