Good Friday 2025: इस साल गुड फ्राइडे 18 अप्रैल यानी आज भारत समेत पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. वही मान्यतानुसार, करीब आज से 2 हजार साल पहले गुड फ्राइडे के ही दिन यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था, यह दिन ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक बड़ा ही अहम और शोकभरा माना जाता है. बाइबल की किताब के पहले पद सभोपदेशक 7:1 यानी (Ecclesiastes 7:1) के मुताबिक, मृत्यु का दिन जन्म के दिन से उत्तम होता है इसलिए गुड फ्राइडे का महत्व बहुत ही ज्यादा होता है. लेकिन, बड़ा सवाल अब ये है कि हर साल क्रिसमस की तारीख तो तय रहती है परंतु गुड फ्राइडे की तारीख क्यों बदलती रहती है.
आखिर क्यों हर साल बदलती है गुड फ्राइडे की तारीख
दरअसल, गुड फ्राइडे की तारीख बदलने के पीछे का मुख्य कारण है वसंत विषुव (Vernal Equinox) है. आज से करीब 2 या ढाई हजार साल पहले प्रभु यीशु मसीह को जब क्रूस पर चढ़ाया गया था, उस समय ग्रेगोरियन कैलेंडर नहीं हुआ करता था. गुड फ्राइडे की तारीख का चुनाव ईस्टर की तारीख के साथ किया जाता है. वही माना जाता है कि 325 ईसवी में हुई ‘काउंसिल ऑफ नाइसिया’ नाम की ईसाई धर्मसभा में तय किया गया था कि वसंत विषुव यानी जिस दिन धरती पर दिन और रात बराबर होते हैं, उसके बाद आने वाले पास्का पूर्णिमा (जिसे खासतौर से चर्च द्वारा ईस्टर की तारीख निकालने में इस्तेमाल किया जाता है) के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर मनाया जाएगा. कैलेंडर के हिसाब से, ईस्टर संडे से 2 दिन पहले के शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है.
ईस्टर संडे और गुड फ्राइडे का आखिर कनेक्शन क्या है ?
गुड फ्राइडे वह दिन है जब प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था, जिसके बाद उन्हें दफना दिया गया था. वही उससे तीसरे दिन वे जी उठते हैं और दोबार जिंदा होने वाले दिन को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है, जबकि क्रूस पर चढ़ाने वाले दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है.
ईस्टर संडे पर सुबह निकालते हैं रैली
ईस्टर का दिन खुशी का दिन है और इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले सभी लोग सूर्योदय से पहले एक रैली निकालते हैं. वही इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग हाथों में मोमबत्ती थामे और ईसा मसीह के गीत गाते हुए चलते हैं, वही इसे सनराइज सर्विस भी कहते हैं. वही सनराइज सर्विस की अगुआई महिलाओं को सौंपी जाती है. वही बाइबल के मुताबिक, यीशु मसीह के दोबारा जिंदा होने की जानकारी सबसे पहले महिलाओं को ही मिली थी, जिसके बाद उन महिलाओं ने ये शुभ समाचार सभी को सुनाया था. और इस कार्यक्रम के बाद ईस्टर एग खाने को मिलते हैं.
इन तारीखों के बीच आता है गुड फ्राइडे
गुड फ्राइडे की तारीख 22 मार्च से लेकर 25 अप्रैल के बीच कभी भी आ सकती है. वही इस साल 21 मार्च को Spring Equinox यानी वसंत विषुव मनाया गया था. इसके बाद ही 13 अप्रैल को Full Moon यानी पूर्णिमा का दिन था. इसके बाद आने वाले रविवार यानी 20 अप्रैल को ईस्टर के रूप में मनाया जाएगा और उससे दो दिन पहले 18 अप्रैल यानी आज गुड फ्राइडे मनाया जाएगा.
क्रिसमस की तारीख 25 दिसंबर क्यों रहती है तय
वही क्रिसमस का त्योहार यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल, बाइबल के अंदर यीशु मसीह के जन्म के बारे में तो बताया गया है लेकिन किसी तारीख का जिक्र नहीं है. इसलिए, इतिहासकारों और चर्च ने चौथी सदी के आसपास (लगभग 336 AD) 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का फैसला किया था. उसके बाद से ही 25 दिसंबर को हर साल यीशु मसीह के जन्म दिन यानी क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है.
क्रिसमस और गुड फ्राइडे की तारीखों में अंतर
क्रिसमस की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी सौर कैलेंडर पर आधारित है, जिसकी वजह से ये हर साल होती है. वहीं, गुड फ्राइडे की तारीख लूनर कैलेंडर यानी चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती है, जिसकी वजह से इसकी तारीख हर साल बदलती है.
गुड फ्राइडे का महत्व
वही, गुड फ्राइडे असल में हमें माफ करना सिखाता है. वही बाइबल के मुताबिक, यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के बाद उन लोगों को माफ करने के लिए कहते हैं, जो उन्हें क्रूस पर मौत देते हैं. बाइबल की किताब लूका 23:34 (Luke 23:34) के अनुसार, यीशु क्रूस पर रहने के दौरान प्रार्थना करते हैं कि हे पिता, इन्हें माफ कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.