Bangladesh’s: बांग्लादेश की सरकार ने बुधवार को जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर से प्रतिबंध हटा दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने शासन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के दौरान उस पर प्रतिबंध लगा दिया था. शेख हसीना सरकार ने पार्टी को ‘उग्रवादी और आतंकवादी’ संगठन बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था और उसकी छात्र इकाई और अन्य संबद्ध संगठनों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर आंदोलन भड़काने का दोषी भी ठहराया था.
संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, हिंसक विरोध प्रदर्शनों और शेख हसीना सरकार की कार्रवाई में 600 से अधिक लोग मारे गए है. वही गृह मंत्रालय ने बुधवार को पार्टी पर से प्रतिबंध हटा दिया, जिससे उसे अपनी गतिविधियां फिर शुरू करने का रास्ता मिल गया है. चुनाव लड़ने के लिए उसे निर्वाचन आयोग में अब रजिस्टर्ड कराना होगा.
वही पार्टी के नेतृत्व की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. और जमात-ए-इस्लामी पर 2013 से चुनावों में भाग लेने पर रोक है, जब आयोग ने उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था और हाई कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखा था. वही अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि पार्टी ने धर्मनिरपेक्षता का विरोध करके संविधान का उल्लंघन किया है.
बांग्लादेश के विधि मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा है कि हसीना सरकार का प्रतिबंध राजनीति से प्रेरित था और किसी विचारधारा पर आधारित ही नहीं था. शेख हसीना की प्रतिद्वंद्वी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी प्रतिबंध के लिए पूर्ववर्ती सरकार को दोषी ठहराया था.
आतंकी जशीमुद्दीन रहमानी को बांग्लादेश ने रिहा किया है
बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार ने अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बंगला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को फिलहाल रिहा कर दिया है. वही इस रिहाई से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती है, जहां आतंकवादी समूह स्लीपर सेल्स की मदद से जिहादी नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.
वही जशीमुद्दीन रहमानी को सोमवार को पैरोल पर रिहा किया गया है. वही ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के मामले में जेल में बंद कर दिया गया था. वही उसे गाजिपुर के काशीपुर हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल में रखा गया था. और वह बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत आरोपों का सामना भी कर रहा था.
भारत में गिरफ्तार किए गए थे एबीटी के आतंकी
भारत में उसके नेतृत्व वाले संगठन से जुड़े कई आतंकियों को पहले ही गिरफ्तार किया गया है. इसी साल मई में, असम पुलिस ने गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर ABT से जुड़े दो आतंकियों, बहार मिया और रेयरली मिया को गिरफ्तार किया गया था. ABT, अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का एक सहायक संगठन है, जो कि भारत में प्रतिबंधित है.
वही 15 फरवरी 2013 को ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या के लिए उसे पांच साल की सजा सुनाई गई थी. राजीब हैदर को ढाका में उनके घर के सामने बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद रहमानी को अगस्त 2013 में गिरफ्तार कर लिया गया था. एबीटी (ABT) को 2015 में शेख हसीना की सरकार के दौरान बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था.
आप को बाद में, इसने अपने आप को अंसार अल-इस्लाम के रूप में दोबारा ब्रांडिंग की, जिसे 2017 में फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया था. वही सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने ABT के साथ मिलकर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए साझेदारी की थी.