नवरोज

Navroz Facts : नवरोज पारसी समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे नौरोज़ भी कहा जाता है जो पारसी नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार 20 मार्च और 16 अगस्त को मनाया जाता है।

नवरोज का मतलब  

‘नवरोज’ शब्द ‘नव’ (नया) और ‘रोज’ (दिन) से बना है। इसका अर्थ है ‘नया दिन’। यह दिन प्रकृति और जीवन के लिए धन्यवाद अदा करने का होता है।

नवरोज साल में दो बार मनाते हैं  

नवरोज का त्योहार पारसी कैलेंडर के अनुसार दो बार मनाया जाता है:

1. 20 मार्च को (दुनियाभर में)

2. 16 अगस्त को (भारत में शहंशाही कैलेंडर के अनुसार)

राजा जमशेद के नाम पर नवरोज  

नवरोज का त्योहार पारसी राजा जमशेद के नाम पर मनाया जाता है, जिन्होंने पारसी कैलेंडर की शुरुआत की थी और अपनी ताजपोशी इसी दिन की थी।

कैसे मनाते हैं नवरोज?  

नवरोज

नवरोज के दिन पारसी लोग घरों की सफाई करते हैं, उन्हें सजाते हैं, स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं, और एक-दूसरे से मिलते हैं। पारंपरिक कपड़े पहनकर नाच-गाने की परंपरा होती है।

नवरोज का पर्व अन्य देशों में भी मनाया जाता है  

नवरोज का त्योहार भारत के अलावा ईरान, इराक, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, और मध्य एशिया के अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

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