जमुई खैरा, बिहार की ऐतिहासिक धरती पर गुरुवार को आयोजित “अति पिछड़ा सम्मेलन-सह सम्मान समारोह” ने समाज में नई चेतना का संचार कर दिया। यह महज़ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह उस आवाज़ का प्रतीक बना, जो दशकों से दबाई जा रही थी – अति पिछड़े समाज की एकजुटता की आवाज़।

मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने न सिर्फ इस समाज की पीड़ा को समझा, बल्कि मंच से एकजुटता और सशक्तिकरण का आह्वान करते हुए साफ संदेश दे दिया – अब अति पिछड़ा वर्ग सिर्फ गिनती की संख्या नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में आएगा।

जमुई
मंच पर बैठे राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल और उदय नारायण चौधरी 

जमुई की धरती पर बदलाव की दस्तक

यह सम्मेलन सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जमुई के कोने-कोने से जुटे अति पिछड़े समाज के लोगों की आंखों में एक सपना था – सम्मान और हक की लड़ाई को जीतने का सपना।

किसी ने अपने पिता की मजदूरी की कहानी सुनाई, तो किसी ने अपने बच्चों की शिक्षा में आने वाली रुकावटों की पीड़ा साझा की। पर इन सबके बीच एक भावना थी – “अब हम बिखरेंगे नहीं, जुड़ेंगे और बदलाव लाएंगे।”

नेताओं का संदेश – अब हमारी बारी है
मंगनीलाल मंडल ने अपने भाषण में कहा,

“अति पिछड़े वर्ग को अब सिर्फ वोट बैंक नहीं, सत्ता का साझीदार बनना होगा। अगर हम साथ होंगे, तो हमें कोई अनदेखा नहीं कर सकता।”

चुनाव आयोग द्वारा SIR के प्रक्रिया पर भी ज़ोरदार हमला बोला

मंगनीलाल मंडल ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा और नीतीश कुमार के इशारे पर काम कर रही है भाजपा और नीतीश कुमार चाहते है कि बिहार के गरीब और अति पिछड़ा समाज के लोगों को जा राशन मिल रहा है वो भी बंद हो जाएगा जब पिछड़ा वर्ग के लोगों के कागजों में उलझा कर रखेंगे तो वह वह एक जूट हो नहीं पाएंगे और उनकी नागरिकता ही सिद्ध करने में रह जाएंगे, भाजपा वाले चाहते है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोकने है चाहे गरीबों का हक ही क्यों न छीनना पड़े।

वहीं, उदय नारायण चौधरी ने भावुक होते हुए कहा,

हमारे समाज को बरसों तक नजरअंदाज किया गया। लेकिन अब हम खुद के लिए लड़ना सीख गए हैं। यह सम्मेलन आने वाले बदलाव की बुनियाद है।

सम्मान भी, प्रेरणा भी

सम्मेलन में सामाजिक क्षेत्र में काम कर रहे अति पिछड़े समुदाय के कई लोगों को सम्मानित भी किया गया, जिनकी कहानियाँ खुद में एक मिसाल हैं। ये वे चेहरे हैं जिन्होंने मुश्किलों में भी हार नहीं मानी और समाज को रोशनी दी।

भावनात्मक जुड़ाव और उम्मीद

इस कार्यक्रम में नारे लगे – “एकजुट अति पिछड़ा, बनाएं नया इम्तिहान”, “हमारी एकता, हमारी ताक़त”, और ये नारे सिर्फ शब्द नहीं थे, बल्कि एक संघर्ष का हिस्सा थे।
लोगों की आँखों में आंसू भी थे, पर वो कमज़ोरी के नहीं, एक नये सवेरा की उम्मीद के आँसू थे।

इस समारोह में तमाम अति पिछड़ा और समाजसेवी नेताओं ने भाग लिया:

जयनारायण राव, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज शाह, राजद जिला अध्यक्ष त्रिवेणी यादव, पूर्व विधायक और राजद नेता अजय प्रताप सिंह,मलैयापुर मुख्या अशोक रावत सहित सभी गणमान्य उपस्थिति दर्ज कराई।

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जमुई में आयोजित समारोह ने साबित कर दिया कि अब यह समाज चुप नहीं बैठेगा

जमुई में आयोजित अति पिछड़ा सम्मेलन-सह सम्मान समारोह ने साबित कर दिया कि अब यह समाज चुप नहीं बैठेगा। यह सम्मेलन कोई राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की आवाज़ था।
अब सवाल यह नहीं है कि कौन साथ देगा, सवाल ये है कि “हम कब तक बंटे रहेंगे?” और इसका जवाब जमुई ने दिया – “अब नहीं… अब हम साथ हैं।”

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