जमुई जिले के सिकंदरा मुख्य चौक और बाजारों में बुधवार को दिनभर प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। अवैध कब्जों को हटाने के लिए बुलडोजर चलाकर कई दुकानों और संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया।

जिला प्रशासन ने इस अभियान के लिए पहले से ही 10 दिसंबर की तिथि निर्धारित की थी। अतिक्रमण हटाने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया था और लोगों को नोटिस भी जारी किए गए थे। इसके परिणामस्वरूप, सिकंदरा के कई दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपने फुटपाथ से दुकानें हटाकर अतिक्रमण मुक्त कर दिया था।

जमुई कई दुकानों पर बुलडोजर की कार्रवाई

अभियान की निर्धारित तिथि से एक दिन पहले, मंगलवार को सिकंदरा-लखीसराय रोड, जमुई रोड, नवादा रोड और शेखपुरा रोड सहित विभिन्न स्थानों पर ड्रिल मशीन और कटर मशीन की आवाजें गूंजती रहीं। अधिकतर लोगों ने स्वयं ही अपनी दुकानों को हटाकर अतिक्रमण हटाया था।

कार्रवाई के दौरान बाजार में अफरा-तफरी

बुधवार को अंचलाधिकारी नेहा रानी, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार और थाना प्रभारी पंकज कुमार के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल और जवानों की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई। सरकारी जमीन पर वर्षों से अवैध रूप से बनी कई दुकानों और घरों के आगे लगे छतरियों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

जमुई
कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे अधिकारी

दुकानदारों ने वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की

बाजार में बुलडोजर के प्रवेश करते ही दुकानदारों में अफरा-तफरी का माहौल मच गई। कुछ लोगों ने आनन-फानन में अपनी दुकानों का सामान हटाना शुरू किया, लेकिन देखते ही देखते कई दुकानें पर बुलडोजर की चपेट में आ गईं।

प्रशासन के सख्त तेवर और बुलडोजर कार्रवाई से प्रभावित दुकानदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। फुटपाथ पर रोजी-रोटी कमाने वाले दुकानदारों का कहना था कि यदि सरकार और जिला प्रशासन उनके लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था करते, तो उन्हें इतनी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। और मौजदा सरकार की मनमानी है .

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