Chandigarh : रेप और हत्या केस में राेहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम फिर जेल से बाहर आ गया है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत को 21 दिन की फरलो (Furlough) मंजूर कर ली गई है. आप को बता दें कि 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद से अब तक राम रहीम कुल 7 बार जेल से बाहर आ चुका है. इसी साल जन्मदिन से पहले उसे 20 जुलाई को भी पैरोल मिली थी. तब वह तीस (30) दिन के लिए बाहर आया था. बाहर आने के बाद राम रहीम उत्तर प्रदेश (UP ) के बागपत स्थित अपने आश्रम में ही रहेगा.

28 अगस्त 2017 (28 August 2017) को हुई थी 20 साल की सजा अपनी दो शिष्याओं से रेप (Rap) के दोषी राम रहीम को 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई थी. फिर 17 जनवरी, 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में कोर्ट ने भी उसे उम्र कैद की सजा सुनाई.

24 अक्टूबर 2020 में मिली पहली पैरोल

रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम को साल 2020 में पहली बार पैरोल दी गई थी. 24 अक्टूबर 2020 को राम रहीम को केवल एक दिन की पैरोल दी गई थी. उसकी यह पहली पैरोल इतनी सीक्रेट थी कि पूरे हरियाणा में सिर्फ 4 लोगों को ही इसके बारे में जानकारी थी. पहली बार उसे बहुत ही कड़ी सुरक्षा में जेल से बाहर निकाला गया था. पहली पैरोल में राम रहीम को उसकी बीमार मां से मिलने के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी गई थी.

सात महीने के बाद मिली दूसरी पैरोल

पहली पैरोल के लगभग सात महीने बाद ही उसे दोबारा पैरोल दी गई थी. इस बार वह 2 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था. दूसरी बार भी वह अपनी मां से ही मिलने के लिए गुरुग्राम गया था. उस दौरान वह मानेसर के एक फार्म हाउस में ठहरा हुआ था. सुनारिया जेल से सुबह तड़के सवा छह बजे वह जेल से बाहर आया था.

7 फरवरी 2022 को मिली तीसरी बार पैरोल

साल 2021 के बाद ही राम रहीम को 2022 में पैरोल दी गई थी. लेकिन इस बार उसकी पैरोल का समय पहले से बहुत अधिक था. राम रहीम इस बार 21 दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर आया था. इस बार उसने पैरोल पाने के लिए यह दलील दी थी कि उसे अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी (Daughters Marriage) करनी है, जिसके चलते वह जेल से बाहर आया था.

जून 2022 में चौथी बार मिली पैरोल

दुष्कर्म (Rape) और हत्या (The Killing) के आरोपी को तीसरी बार पैरोल देने के लगभग तीन महीने बाद फिर से पैरोल मिल जाती है. पहले 21 दिनों की पैरोल भी मिली थी. वहीं, इस बार सीधे एक महीने यानी 30 दिनो की उसे पैरोल दी गई थी. जेल से बाहर आने के बाद राम रहीम सीधे बागपत स्थित अपने आश्रम में गया था.

अक्टूबर 2022 पांचवी बार मिली पैरोल

डेरा प्रमुख राम रहीम को अक्टूबर 2022 में 40 उसे दिनों की पैरोल दी गई थी. पैरोल से बाहर निकलने के बाद ही राम रहीम बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा था.

21 जनवरी 2023 को छठी बार मिली जेल से छुट्टी

रैप आरोपी राम रहीम को अक्टूबर के बाद फिर इसी साल जनवरी में पैरोल दी गई थी. इस बार उसे हरियाणा सरकार ने उसे 40 दिन की पैरोल दी थी. डेरा प्रमुख शाह सतनाम (Dera chief Shah Satnam) की जयंती में शामिल होने के लिए उसे पैरोल मिली थी.

सातवीं बार पैरोल पर जेल से बाहर आया राम रहीम

ढाई साल में सातवीं बार उसे फिर से 20 जुलाई 2023 को पैरोल दी गई है. इस बार फिर से उसे 30 दिनों की पैरोल मिली है. जेल प्रशासन ने राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की इजाजत बिल्कुल नहीं है और वह फिर यूपी (उत्तर प्रदेश) के बागपत में स्थिति बरनावा आश्रम में ही रहेगा.

आखिर फरलो क्या होता है?

फरलो एक तरह की छुट्टी (Leave ) जैसी होती है, जिसमें सजायाफ्ता कैदी (Convicted Prisoner) को जेल से कुछ दिनों के लिए रिहा किया जाता है. फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है. आमतौर यह अधिकार लंबे समय के लिए सजा पाए कैदी के लिए ही होता है. इसे बिना कारण के भी दिया जाता है. इसका मकसद सजा पाए कैदी अपने परिवार और समाज से मिल सके.वहीं, पैरोल के लिए कारण बताना बहुत ही जरूरी होता है. यह पैरोल जेल अधीक्षक की देखरेख में ही दी जाती है. इसके नियम बहुत ही सख्त होते हैं. महाराष्ट्र प्रिजन मैन्युअल (Maharashtra Prison Manual) के तहत सालभर में किसी कैदी को अधिकतम 90 दिनों की पैरोल पर रिहा किया जा सकता है. लेकिन हर राज्य में फरलो को लेकर अलग-अलग प्रावधान अलग अलग कानून हैं. उत्तर प्रदेश में फरलो देने का कोई भी नियम नहीं है.

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