एवीएन न्यूज रूम नई दिल्ली: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तारीफ करते नजर आ रहे थे. अब उनकी ही पार्टी ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेडी ने सड़कों पर उतरकर प्रोटेस्ट यानी विरोध की चेतावनी दी है. आखिर क्यों?

जिस तरह तीन तलाक बिल हो या यूसीसी या दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा बिल, संसद में सरकार के सामने जब-जब मुश्किल हालात आए, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी संकट मोचन बनकर खड़ी हो गई. बीजू जनता दल (BJD) ने केंद्र सरकार को हर मुश्किल से उबारा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अभी कुछ दिन पहले तक पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की जम कर तारीफ करते भी नजर आ रहे थे.

सीएम नवीन पटनायक के सुर देख उनकी पार्टी के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में शामिल होने तक के अटकलें यानी कयास लगाए जाने लगे थे. माना जा रहा था कि बीजेडी (BJD ) के एनडीए (NDA) में शामिल होने का ऐलान कभी भी हो सकता है. नवीन पटनायक की पार्टी अपनी स्थापना के समय से कई साल तक एनडीए (NDA ) में रही भी है ऐसे में इसमें कोई पेंच भी नहीं नजर आ रहा था लेकिन अब ओडिशा की सियासत ने कुछ इस तरह करवट ले ली है.

थोपा हुआ रूप से निष्पक्ष रुख के बावजूद हर अहम मौके पर संसद में सरकार के साथ खड़ी हो जाने वाली बीजेडी (BJD) के सुर अब तल्ख यानी कठोर हो गए हैं. ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी (BJD) और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के नेता एक-दूसरे पर खुल कर निशाना साध रहे हैं. दोनों दलों के बीच जारी जुबानी युद्ध की वजह है राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी परियोजनाओं में देरी हो रही है.

बीजू जनता दल ने इन परियोजनाओं में हो रही देरी के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए सूबे की सरकार को दोषी बता रही है. ओडिशा भाजपा ने कहा है कि बीजू जनता दल यानी बीजेडी की सरकार सहयोग नहीं कर रही है जिसकी वजह से इन परियोजनाओं के क्रियान्यवयन यानी अमल में देरी हो रही है. सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या बात बस एनएच परियोजनाओं में देरी तक की ही सीमित है या आखिर वजह कुछ और है?

दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव में अब छह महीने से भी कम का समय बचा है. ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही होते हैं. ऐसे में कुछ राजनीति के जानकर द्वारा कहा ये जा रहा है कि दोनों दलों की इस लड़ाई की वजह चुनाव ही हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लेकर धर्मेंद्र प्रधान तक, भाजपा के कई बड़े नेता काफी समय से प्रदेश में एक्टिव हैं.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा से ही आते हैं और प्रदेश की विधानसभा के साथ ही देवगढ़ लोकसभा सीट का संसद में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स (पुराना नाम ट्विटर) पर पोस्ट कर ओडिशा में लंबित सड़क परियोजनाओं को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करने और बात करने की जानकारी दी.

धर्मेंद्र प्रधान के इस पोस्ट के बाद बीजेडी (BJD) ने इन परियोजनाओं में देरी के लिए केंद्र सरकार को दोषी बताते हुए सड़कों पर प्रदर्शन की धमकी दे दी है.

जिस प्रकार बीजेपी ने ओडिसा में अपना विस्तार किया है उसका असर चुनावों में भी दिखा है. चुनावी साल भी है तो बीजेडी के जेहन में जरूर ये सब भी होगा . ये पॉलिटिक्स है शाहव ना जाने नेता से क्या क्या ना करवाया, बेहर हाल देखते है आगे आने वाले समय में क्या क्या होता है .

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