Nitish Kumar CM Face: बिहार के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए (NDA ) का चेहरा होंगे, इसमें तो तनिक भी संदेह नहीं है लेकिन क्या चुनाव में जीतने के बाद भी नीतीश कुमार को ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री बनाएंगे. ये सवाल बड़ा है और इसलिए भी बड़ा है क्योंकि अभी तक भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने आधिकारिक तौर पर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है. इसकी मांग तो नीतीश कुमार के बेटे निशांत भी कर चुके हैं.
ऐसे में क्या नीतीश कुमार बिहार चुनाव के लिए चेहरे से ज्यादा तो मोहरा भर हैं, जिनके सहारे जीत हासिल कर भाजपा उनका शिवराज सिंह चौहान जैसा हाल कर देगी. आख़िर नीतीश कुमार और बिहार को लेकर भाजपा का असली प्लान है क्या ?, जिसका इशारा भाजपा के नेता अब करने लगे हैं.
सिर्फ बीजेपी के नेता बने मंत्री
बिहार में जब नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले अपना आखिरी मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो उसमें नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से कोई भी मंत्री नहीं बना है. मंत्रिमंडल में खाली पड़ी सात की सात सीटें भाजपा के खाते में गईं, क्योंकि भाजपा के कोटे से ही मंत्री बनने थे.
ऐसे में नीतीश कुमार चाहते तो विस्तार को रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और खाली पड़े सभी मंत्रीपद भाजपा को दे दिए. तो बदले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ऐलान कर दिया कि नीतीश कुमार ही हमारे मुख्यमंत्री थे, हैं और आगे भी रहेंगे.

वही इस बयान के कुछ ही घंटे के बाद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का बयान आ गया, जिसमें उन्होंने कह दिया है कि बिहार चुनाव में नीतीश कुमार ही चेहरा होंगे, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला भाजपा का संसदीय बोर्ड करेगा.
बिहार सरकार में मंत्री प्रेम कुमार ने क्या कहा?
अभी तो इस बयान के मायने तलाशे ही जा रहे थे कि नीतीश सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री प्रेम कुमार ने साफ़ कर दिया है कि चुनाव तो नीतीश कुमार के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा, लेकिन चुनाव बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, ये एनडीए की बैठक में तय होगा.
इसी बैठक की बात सुनकर तेजस्वी यादव ने कह दिया कि अब बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाने वाली है और नीतीश अब बिहार की राजनीति में ओल्ड मॉडल हो चुके हैं.

मध्य प्रदेश का उदाहरण
अब तेजस्वी यादव तो विपक्ष के नेता हैं तो उनका नीतीश कुमार की मुखालफत करना स्वाभाविक भी है. लेकिन जो सवाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उठाए हैं और जिसका समर्थन मंत्री प्रेम कुमार ने भी कर दिया है, उसका जवाब क्या है. क्या बिहार के अगले मुख्यमंत्री का नाम चुनाव के ठीक बाद वैसे ही तय होगा, जैसे भाजपा ने मध्य प्रदेश में किया था.

याद करिए 2023 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में क्या हुआ था, जिसमें चेहरा तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही थे, लेकिन चुनाव में बंपर जीत के बाद मध्य प्रदेश को मोहन यादव के तौर पर नया मुख्यमंत्री मिला और जिन शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया वो लोकसभा के ज़रिए केंद्र में कृषि मंत्री बन गए थे.
तो क्या अब भाजपा का आलाकमान बिहार भाजपा के नेताओं के ज़रिए कुछ ऐसा ही संदेश नीतीश कुमार तक भी पहुंचाना चाहता है, जिसकी भनक अभी डिप्टी सीएम और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को नहीं लगी है. क्योंकि वो तो आगे भी नीतीश कुमार को ही सीएम देख रहे हैं. लेकिन क्या दिल्ली भी नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, इसका जवाब अब भी बाकी है.