एवीएन न्यूज रूम नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के तमाम नेता आज कल जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. जिस तरीके से  दिल्ली शराब घोटाला दिल्ली सरकार की गले का फाश बन गई है। इससे पहले ईडी (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद शराब घोटाले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था. अब आप सांसद संजय सिंह के आवास पर ईडी की ये छापेमारी हुई है.

आप सांसद संजय सिंह के घर ईडी की छापेमारी

आप राज्य सभा सांसद संजय सिंह के आवास पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है. सूत्रो के हवाले से बताया जा रहा है कि ईडी ने ये छापेमारी दिल्ली की विवादित शराब नीति में घोटाले को लेकर की है. इससे पहले सांसद संजय सिंह के करीबियों के यहां भी छापे पड़े थे. शराब घोटाले की चार्जशीट में भी संजय सिंह का नाम डाला गया था. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी शराब नीति में घोटाले के मामले में गिरफ्तार हुए थे.

इससे पहले भी आम आदमी पार्टी (AAP) के तमाम नेता जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुके हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल मई में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था. हालांकि, अभी वे बीमारी के चलते सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.

इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली शराब नीति में घोटाले के आरोप में सीबीआई ने इसी साल फरवरी में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया था. इसके बाद शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया था. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी जेल में बंद हैं. हालांकि, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने नेताओं को समय समय पर कट्टर ईमानदार बताते रहे हैं.

आखिर क्या है दिल्ली का शराब घोटाला ?

ये मामला है दिल्ली सरकार की नई शराब नीति 2021-22 से जुड़ा हुआ है. आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी. नई शराब नीति के तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया और दिल्ली सरकार इससे पूरी तरह से बाहर आ गई थी.

वही दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म यानी अवैध धंधा खत्म करने का तर्क दिया था. ये भी दावा किया गया था कि इससे सरकार के राजस्व में भी बहुत इजाफा होगा. दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू हुई तो मगर नतीजे सरकार के दावों के ठीक उलट आए है. कहां सरकार ने राजस्व बढ़ने का दावा किया था और कहां नुकसान ही नुकसान उठाना पड़ गया.

31 जुलाई 2022 को कैबिनेट नोट में दिल्ली सरकार ने माना की भारी बिक्री के बावजूद रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ. नई एक्साइज पॉलिसी लागू होने के बाद राजस्व के नुकसान को लेकर दिल्ली सरकार आलोचनाओं के घेरे में आ गई लेकिन इस नीति में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप सबसे पहले लगाया था केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने.

मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) वीके सक्सेना को रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में मुख्य सचिव ने एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का भी गम्भीर आरोप लगाया था।

दिल्ली के एलजी (उपराज्यपाल) ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर 22 जुलाई 2022 को सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी. एलजी (Lieutenant Governor) की सिफारिश के बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया था.

तमाम विवाद, आरोप-प्रत्यारोप, राजस्व के नुकसान और सीबीआई जांच के बाद भी दिल्ली सरकार ने अपने कदम वापस खींच लिए थे और 1 सितंबर 2022 से पुरानी शराब नीति को वापस लागू कर दिया था.

 

 

 

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