गिद्धौर/जमुई। संवादाता बिक्की कुमार की रिर्पोट। गिद्धौर के चप्पे-चप्पे में ऐतिहासिक कालखंड के जागृत पहचान, धर्मस्थल आदि आज भी मौजूद हैं। पूर्व में राज रियासत रहे गिद्धौर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान आज भी कायम है। प्रखंड के मौरा पंचायत अंतर्गत बंधौरा गांव में दीपावली की मध्य रात्रि में काली पूजा की परंपरा देश की आजादी के पहले से ही जारी है। वही इसे लेकर प्रतिमा निर्माण अंतिम चरण में है।

गिद्धौर के मूर्तिकार विष्णुदेव पंडित एवं उनके सहयोगियों द्वारा प्रतिमा निर्माण

गिद्धौर के मूर्तिकार विष्णुदेव पंडित एवं उनके सहयोगियों द्वारा प्रतिमा निर्माण किया जा रहा है। इस बारे में विष्णुदेव पंडित ने बताया है कि 50 वर्ष से अधिक समय से यहां मां काली की प्रतिमा का निर्माण वही कर रहे हैं। वहीं बंधौरा गांव निवासी भोला रावत ने बताया है कि वर्ष 1944 में स्व. भूपत पंडित जी द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी। तब से अनवरत यहां पूजा कार्य बदस्तूर जारी है। दिवाली की मध्य रात्रि यहां पूजन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पूजन कार्यक्रम निष्पादित करवाने में मुख्य पुजारी यदु पंडित, प्रह्लाद पंडित एवं सदानंद पंडित का अहम योगदान रहता है। वहीं इस आयोजन में स्थानीय ग्रामीण के साथ आसपास के गांवों के श्रद्धालु भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। दीपावली की मध्य रात्रि स्थानीय पंडित बमबम पांडेय द्वारा कलश स्थापना और पूजा करवाई जायेगी।

गिद्धौर

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