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“Social Media पर लाइक्स से कमाई के चक्कर में फंसे हजारों युवा, ऐसे होता था फर्जीवाड़ा Social Media Fraud | social-media-scam”

मोकामा, बिहार: बिहार के मोकामा ज़िला की एक घटना सोशल मीडिया पर प्रति लाइक 5 रुपए कमाने के फेर में मोकामा और इसके आसपास के इलाके के हजारों लोगों ने अपनी मेहनत की जमा पूंजी को दांव पर लगा दिया। एब्लेज इंफो प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गई कंपनियों में सोशल मीडिया से कमाई करने का सपने दिखाकर कंपनी ने कई लोगों से पैसे जमा कराए। मोकामा के करीब 100 लोगों ने सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम की कंपनी में पैसा लगाया था।

क्या था पूरा मामला ?: 

बेगूसराय जिले के बीहट से भी एक हजार से अधिक लोगों के इस कंपनी से जुड़े होने की बात अब तक सामने आई है। लखीसराय जिला के विभिन्न शहरों और गांवों से भी कई लोगों ने इस कंपनी से जुड़कर अपनी मेहनत की कमाई को दांव पर लगाया है। सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम की साईट एब्लेज इंफो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत संचालित है। कंपनी का सीईओ अनुभव मित्तल है। अनुभव मित्तल और कंपनियों के अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया लाइक्स के सहारे कमाई का खुलासा हुआ है।

सोशल ट्रेड डॉट बिज, फ्रेंड्जअप डॉट कॉम, एफिलिएट डॉट इंटरमार्ट डॉट कॉम, थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम नाम की कंपनियों के सहारे जुड़ने के बाद अपने नीचे पेयर बनाना तथा लाइक्स के सहारे कमाई होने की बात कह कर लोगों से पैसे जमा कराए जा रहे थे और लोगों के खाते में रकम भी दी जा रही थी। देश भर में लगभग 7 लाख से अधिक लोगों के इस कंपनी से जुड़ने की बात अब तक सामने आई है।  

कैसे होता था फर्जीवाड़ा:

कंपनी से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर लोगों को जोड़ने का काम करते थे। डिस्ट्रीब्यूटर के पास कंपनी का आईडी और पासवर्ड होता था और आसपास के इलाकों से जुड़ने वाले लोगों से 57,500 रुपए लिए जाते थे।

सोशल ट्रेड से जुड़ते ही उनके खाते में 150 लाइक जोड़ दिए जाते थे। इसके बाद जोड़नेवाला व्यक्ति अपने नीचे दो लोगों को जोड़ता था और इनको भी 57,500 रुपए देने होते थे।

प्रति लाइक 5 रुपए की दर से भुगतान किया जाता था। कोई व्यक्ति अपने नीचे दो लोगों को जोड़ता था तो 4,000 रुपए का बोनस दिया जाता था। कंपनी इन सभी भुगतान पर 5 से 13 प्रतिशत का टैक्स भी काटती थी।

गाजियाबाद में मालीवाड़ा चौक स्थित केनरा बैंक की शाखा में खुले कंपनी के खाते में पैसे जमा किए जाते थे। इस कंपनी में एक व्यक्ति अधिकतम 3 आईडी का इस्तेमाल कर सकता था।

सोशल ट्रेड डॉट बिज नाम की कंपनी से कई लोग ऐसे भी जुड़े थे, जिनके लिए यही रोजगार था। मोकामा के एक शख्स ने बताया कि कंपनी से जुड़े कुछ लोग मोकामा में लोगों को जोड़ने का काम करने लगें थे।

जब कंपनी का पैन कार्ड और भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर कंपनी का नाम रजिस्टर्ड दिखा तो भरोसा हो गया था।

राजनाथ के साथ दिखाई तस्वीर:

कंपनी से जुड़े लोग वाट्स ग्रुप बनाकर लोगों को कंपनी के असली होने तथा पैसे सुरक्षित होने का भरोसा दिलाते थे। व्हाट्सअप ग्रुप में कंपनी का पैन कार्ड, काॅरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी कंपनी रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र दिखा कर लोगों को यह आश्वासन दिया जाता था कि कंपनी न सिर्फ पंजीकृत है, बल्कि उपभोक्ताओं द्वारा लगाया गया सारे पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।

इसके अलावा एब्लेज इन्फो प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अनुभव मित्तल और भारत सरकार के केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की तस्वीर को विभिन्न व्हाट्सअप ग्रुप में वायरल किया गया था ताकि इससे जुड़े लोगों को भरोसा हो सके। 

Note:

|| मुझे उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल (आलेख ), लेख “Social Media पर लाइक्स से कमाई के चक्कर में फंसे हजारों युवा, ऐसे होता था फर्जीवाड़ा Social Media Fraud | social-media-scam” जरुर पसंद आई होगी। हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की रीडर को तकनीक (Tech and Online Scam, Social Media Fraud) के विषय में पूरी सही जानकारी प्रदान की जाये ।

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By: KP

Edited  by: KP

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