AVN News Desk New Delhi: लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनितिक पार्टियां ने तैयारियां कर ली हैं. आज लोकसभा चुनाव का 102 सीटों पर मतदान है, और इसी कड़ी में सभाएं, नुक्कड़ सभा सब कुछ किया जा रहा है. वही दिल्ली में बीजेपी अब मंदिरों के जरिए वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. जिस प्रकार दिल्ली बीजेपी 21 तारीख को एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. इस कार्यक्रम में मंदिरों के पुजारी भी शामिल होंगे. राजधानी दिल्ली के हर छोटे-बड़े मंदिरों को इसका निमंत्रण दिया गया है. दिल्ली के लगभग सभी छोटे बड़े मंदिरों के पुजारी और महंत इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
शंकराचार्य महामंडलेश्वर सहित हजारों लोग होंगे इस कार्यकर्म में शामिल
वही दिल्ली बीजेपी के मुताबिक देशभर के लगभग 49 हजार मंदिरों के 51 हजार लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. जिसमे शंकराचार्य महामंडलेश्वर, महंत और सभी पुजारी शामिल होंगे और एक साथ मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे.
राजधानी दिल्ली बीजेपी मंदिर प्रकोष्ठ के अध्यक्ष करनैल सिंह के मुताबिक यह कार्यक्रम देश में पहली बार और ऐतिहासिक होने जा रहा है. जब इस तरह से एक साथ एक मंच पर तमाम शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, मंदिरों के पुजारी शामिल होंगे. हालांकि यह कार्यक्रम फिलहाल धार्मिक है, लेकिन इसके सियासी मायने भी खूब निकाले जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में इस तरह के कार्यक्रम आम हैं. पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के नेता प्राचीन हनुमान मंदिर जाकर माथा टेकते हुए नजर आए और सुंदरकांड का पाठ किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा हिंदू वोटरों को अपनी ओर खींचा जा सके.
क्या है भाजपा का आरोप?
भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के लोग चुनावी हिंदू हैं, जिनको चुनाव के समय हनुमान जी और राम जी याद आते हैं और सैलरी देने के समय मौलाना याद आते हैं. गौरतलब यह है कि दिल्ली में तमाम मस्जिदों के मौलानाओं की एक फिक्स सैलरी है, जिसे दिल्ली सरकार देती है.
सभी पुजारी मोदी सरकार के सामने रख सकते हैं मांग
आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जब से मौलानाओं को सैलरी देने का मुद्दा बीजेपी ने उठाया है तब से मंदिरों के पुजारी भी यह चाहते हैं कि दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार मंदिरों में काम करने वाले पुजारी को भी सैलरी दी जाए और यही वजह है कि इस कार्यक्रम के जरिए तमाम मंदिर के पुजारी केंद्र सरकार के सामने यह मांग रखेंगे. ताकि उनको भी मौलानाओं की तर्ज पर ही सैलरी दी जाए.
लोकसभा चुनाव से महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दे गायब
लोकसभा चुनाव मैं महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दे गायब है जैसे की बीजेपी जिस प्रकार 2047 की बात कर रही है लगता तो यही है की बीजेपी अपने दस साल का हिसाब न दे कर मंदिर, मस्ज़िद, मछली, चिकन जैसे खूब चर्चा है और जनता के मूलमूत जरूरत की कोई बात नही .