AVN News Desk New Delhi: लोकसभा चुनाव को लेकर अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है और आचार संहिता का एलान हो सकता है। इसे देखते हुए बीजेपी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं और बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह तक मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए अपने सभी उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया जाए।

जिस तरह की रणनीति बीजेपी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनाई थी, ठीक वैसी ही रणनीति लोकसभा चुनाव के लिए भी दोनों ही पार्टियां अपना सकती हैं। भारतीय जनता पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि तीन बार से अधिक समय तक टिकट पा रहे नेताओं का इस बार चुनाव में पत्ता कट सकता है। भारतीय जनता पार्टी की कोशिश है कि इस बार कुछ नए चेहरों को प्रमोट करके लोकसभा का टिकट दिया जाए। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, रीति पाठक, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह को विधानसभा चुनाव लड़ाकर, जिताकर और मंत्री बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय कर दिया है। तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष भी चुना गया है। जबकि फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं, तो ऐसे में इस बात की संभावना काफी कम है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें दोबारा मौका देगी।

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पार्टी के सूत्रों का कहना

बीजेपी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश की ऐसी सात सीटें चिन्हित की गई हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर माना गया है। ये सभी सीटें हैं भोपाल, सागर, रीवा, खरगोन, ग्वालियर, उज्जैन, राजगढ़। वहीं छिंदवाड़ा, मुरैना, भिंड, मंडला जैसी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में उतनी अधिक सफलता नहीं मिली, जितनी पार्टी ने उम्मीद की थी। इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी इस बार नए चेहरों को मौका देने पर विचार कर रही है। वहीं ऐसे सांसद जो लगातार तीन बार से चुने जा रहे हैं, उन्हें भी भारतीय जनता पार्टी इस बार साइडलाइन कर सकती है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के अंदर मंथन भी जारी है। भारतीय जनता पार्टी की पूरी कोशिश मध्यप्रदेश में नई लीडरशिप तैयार करने की है।

सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अब नए चेहरों को मौका देगी। इसमें सबसे आगे नाम है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का, जो गुना-शिवपुरी की अपनी पारंपरिक सीट के साथ ही ग्वालियर लोकसभा सीट पर भी काफी सक्रिय हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को इन्हीं दो सीटों में से किसी एक सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। वहीं नरोत्तम मिश्रा, वीडी शर्मा, जैसे नेताओं को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी दोबारा दांव खेलने के मूड में दिखाई दे रही है।

लोकसभा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया

जबकि कांग्रेस पार्टी भी भारतीय जनता पार्टी की राह चलते हुए दिख रही है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भोपाल में हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर 50-50 फीसदी का फॉर्मूला टिकट वितरण में अपनाया जाएगा। यानी आधी सीटों पर सीनियर लीडर्स को कांग्रेस पार्टी फिर से मौका देगी, तो वहीं 14 से 15 सीटों पर कांग्रेस पार्टी भी नए चेहरों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है। इस प्रकार कांग्रेस पार्टी हो या भारतीय जनता पार्टी, दोनों ही पार्टियां इस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की सीटों पर युवा चेहरों को आगे करने की रणनीति पर भी काम कर रही हैं।

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