AVN News Desk : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 51 सीटों पर फिलहाल टिकट घोषित कर दिए हैं। अभी 24 सीटों पर और प्रत्याशी घोषित किए जाने अभी बाकी हैं। लेकिन इन 24 सीटों में छह नाम ऐसे भी हैं जिन पर सबकी निगाहें लगी हैं। वैसे तो सियासी गलियारों में कहा यही जा रहा है कि जिन 24 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होनी है उसमें कई बड़े चेहरे आउट हो सकते हैं। लेकिन छः नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। इन नामों में पीलीभीत, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कैसरगंज और गाजियाबाद समेत बदायूं सीट शामिल है। हालांकि सुल्तानपुर से मेनका गांधी का टिकट काटे जाने की बजाय सीट बदलने की चर्चा सबसे ज्यादा है।

जानकारी के मुताबिक अगले कुछ दिनों के भीतर भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश की दूसरी बहुप्रतीक्षित सूची आ जाएगी। दरअसल पहली सूची के बाद उत्तर प्रदेश की अब तक कोई सूची सामने नहीं आई है। क्योंकि अलग-अलग राज्यों में लगातार वर्तमान सांसदों के टिकट काटे जा रहे हैं। ऐसे में बची हुई 24 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की धड़कने बढ़ी हुई हैं। क्योंकि पहले 51 सीटों में से 47 सभी सांसदों को टिकट रिपीट किया जा चुका है। इसलिए अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जो बची हुई 24 सीटें हैं उनमें से कई प्रत्याशियों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी ने कई सीटों पर मौजूदा सांसदों का टिकट काटे जाने के संदेश भी दे दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में लगाए गए ये अनुमान

उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में लगाए गए ये अनुमान और घोषित होने वाली 24 सीटों में से 6 सीटों पर कई तरह की कयासबाजी भी चल रही है। जिसमें पीलीभीत से मौजूदा वरुण गांधी, सुल्तानपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा मेनका गांधी, कैसरगंज से पूर्व भारतीय कुस्ती अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, गाजियाबाद से पूर्व जनरल वीके सिंह, प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी और बदायूं से संघमित्रा को टिकट दिए जाने को लेकर अभी संशय बना हुआ है। राजनितिक जानकार कहते हैं कि जिन नाम की चर्चा टिकट कटने के तौर पर हो रही है वह कितना सच होगी यह तो टिकट बंटवारे के बाद पता चलेगा ही। लेकिन उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में कुछ नामो में परफॉर्मेंस और कुछ नाम विवादों में आने के चलते भी टिकट कटने के कयास जरूर लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषण कहते हैं कि दरअसल बृजभूषण शरण सिंह, वरुण गांधी विवादों और बयान बाजी के चलते भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर हैं। जबकि संघमित्रा के पिता स्वामी प्रसाद मौर्या के विवादित बयानों से वह निशाने पर हैं। जनरल वीके सिंह जहां सियासी समीकरणों से अभी असमंजस में हैं। वहीं रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे को सियासत में आगे बढ़ाने के लिए पहले ही सियासी संन्यास की बात कर चुकी हैं। वही राजनीतिक जानकार कहते हैं कि इन पांच नाम के अलावा छठा नाम मेनका गांधी का चर्चा में जरूर है। लेकिन उनके टिकट कटने को लेकर फिलहाल कोई भी आधार तो नहीं दिख रहा है। सियासी गलियारों में भी यही चर्चाएं है कि संभव है मेनका गांधी की सीट बदली जाए।

उत्तर प्रदेश

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार यह कहते हैं कि जब तक सभी सीटों की घोषणा नहीं हो जाती तब तक टिकट कटने और ना कटने की बात महज चर्चाओं तक ही सीमित है। लेकिन यह तय है कि उत्तर प्रदेश की बची हुई सीटों में बीजेपी कई वर्तमान सांसदों को टिकट नहीं रिपीट करने वाली है। यही वजह है कि पहले चरण के बाद अगली लिस्ट का इंतजार कर रहे सांसदों की धड़कने बहुत बढ़ी हुई हैं।

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