असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बयानबाजी देखने को अक्सर मिलती है. मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ने गौरव गोगोई पर पाकिस्तान सरकार के गृह मंत्रालय और आईएसआई के आमंत्रण पर पाकिस्तान यात्रा करने और वहां कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है. वहीं, गोगोई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर मुख्यमंत्री पर “मानसिक स्वास्थ्य” को लेकर गंभीर सवाल उठाए, और कहा, “मुख्यमंत्री जिस स्क्रिप्ट पर चल रहे हैं, वह बी ग्रेड फिल्म से भी बदतर है.” मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का आरोप है, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कहता हूं कि असम के सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के निमंत्रण पर वहां कई दिन बिताए. वही हम इस यात्रा और इससे जुड़ी गतिविधियों की विस्तृत जांच कर रहे हैं. हमारे पास इस बात का दस्तावेजी सबूत भी मौजूद है.” असम मुख्यमंत्री ने कहा- 10 सितंबर तक पेश करेंगे सबूत
असम मुख्यमंत्री ने कहा है कि, “सबूत 10 सितंबर तक जनता के सामने पेश किए जाएंगे. गौरव गोगोई ने पर्यटन की वजह से नहीं, बल्कि ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था. यह महत्वपूर्ण और खतरनाक बात है.” सीएम ने यह भी कहा है कि गृह मंत्रालय से सीधे निमंत्रण मिलना इस बात का साबित है कि गोगोई पाकिस्तान के साथ करीब से जुड़े हुए थे.
इस आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “मुझे मुख्यमंत्री के मानसिक स्वास्थ्य की चिंता है. पिछले 13 सालों से मैं उनके निशाने पर हूं और हमेशा बेकसूर आरोप लगाए गए हैं. वही उनका यह ताजा बयान पागलपन की हद तक व्यर्थ है. वही हम 2026 के बाद उनकी भलाई के लिए काम करेंगे.”
संदेह है कि असम के मुख्यमंत्री कोई ठोस तथ्य रख पाएंगे- गौरव गोगोई
गौरव गोगोई ने कहा कि मुख्यमंत्री असम की खराब आर्थिक स्थिति और राजनीतिक संरक्षण में चल रहे कोयला-ड्रग माफिया पर ध्यान दें, बजाय बेबुनियाद आरोप लगाने के. गौरव गोगोई ने कहा, “मुख्यमंत्री जो कुछ भी कह रहे हैं, उसमें से 99% बकवास है. वही उन्हें तथ्यों को सार्वजनिक करना चाहिए और सितंबर की काल्पनिक समय सीमा के पीछे छिपना बंद करना चाहिए. मुझे संदेह है कि सितंबर में भी मुख्यमंत्री कोई ठोस तथ्य सामने रख पाएंगे.”

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “मुख्यमंत्री जिस स्क्रिप्ट पर चल रहे हैं, वह बी ग्रेड फिल्म से भी बदतर है. कहते हैं कि एक झूठ को छिपाने के लिए इंसान को अनगिनत झूठ बोलने पड़ते हैं. मुख्यमंत्री बिल्कुल यही कर रहे हैं. वे कोई भी तथ्य नहीं दे रहे हैं और बस आईटी सेल ट्रोल की तरह व्यवहार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को ट्रोल नहीं होना चाहिए. अगर उनके पास अपने हालिया आरोप के समर्थन में कोई तथ्य है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए. यह तमाशा ज्यादा दिनों तक छिपाया नहीं जा सकता.”